साहिबगंज : 7 दिन बाद बीरबल के सर पर सजने वाला था सेहरा, इससे पहले घर के आंगन से उठी अर्थी, पढ़ें पूरी खबर
साहिबगंज के रामपुर गांव के 24 वर्षीय बीरबल कुमार मंडल की शादी 24 अप्रैल को बिहार के पूर्णिया में होनी थी. लेकिन, शादी से सात दिन पहले ही सेहरा की जगह घर से उसकी अर्थी उठी. बीरबल ने फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया. पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुट गयी है.
साहेबगंज, अमित सिंह : घरों में शादी की तैयारी चल रही थी. शादी के लिए सामानों की खरीदारी करने में पूरा परिवार जुटा था. परिवारों के बीच खुशी का माहौल था. सात दिनों के बाद बीरबल कुमार मंडल अपने सर पर सेहरा बांधकर अपनी दुल्हनिया को लाने के लिए बारात लेकर बिहार के पूर्णिया जिले जाने वाला था, लेकिन अचानक बीरबल के घर में रविवार की सुबह शादी की खुशियां मातम में तब्दील हो गया. जिस बीरबल कुमार मंडल के सर पर 24 अप्रैल को सेहरा सजने वाला था उसी बीरबल की अर्थी उसके घर के आंगन से शादी के सात दिन पूर्व निकली. परिवार वालों के अलावे घरों में आये मेहमान भी फफक- फफक रो पड़े.
फांसी लगाकर की आत्महत्या
मामला साहिबगंज जिले के सदर प्रखंड क्षेत्र स्थित हर प्रसाद पंचायत के रामपुर दियारा के हर प्रसाद मध्य विद्यालय के समीप का है. रामपुर गांव निवासी सूर्य नारायण मंडल के 24 वर्षीय पुत्र बीरबल कुमार मंडल ने अपने घर के बगल के बथान में फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर लिया. रविवार की सुबह जब घर के लोग बथान पर गये, तो पाया कि बीरबल कुमार मंडल फांसी पर लटका हुआ है. हो-हल्ला होने पर परिवार वाले बथान पर पहुंच कर उसे फांसी के फंदे से उतारने के बाद मामले की सूचना मुफस्सिल थाने की पुलिस को दिया. सूचना मिलते ही पुलिस ने रामपुर पहुंच कर मृतक बीरबल कुमार मंडल के शव को अपने कब्जे में लेकर शव पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया. सदर अस्पताल में गठित तीन सदस्यीय चिकित्सकों की टीम में शामिल डॉ कुलदीप कुमार गुप्ता, डॅ संजय कुमार एवं डॉ फरोग हसन ने मृतक बीरबल के शव का पोस्टमार्टम किया. शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद पुलिस ने बीरबल का शव उनके परिवार वालों को अंतिम संस्कार करने के लिए सौंप दिया.
24 अप्रैल को पूर्णिया जाना था बारात : पिता
मृतक बीरबल के पिता सूर्य नारायण मंडल ने सदर अस्पताल में बताया कि बीरबल कुमार मंडल तीन भाई में दूसरे नंबर पर था. उसकी शादी बिहार के पूर्णिया जिले में तय हुई थी. 24 अप्रैल को बारात लेकर हमलोग शादी करने के लिए पूर्णिया जाते. शादी का कार्ड का वितरण भी हो गया था. परिवार के सभी लोग शादी की तैयारी में जुटे थे. घर में शादी की खुशियों का माहौल था, लेकिन भगवान जाने ऐसा क्या हो गया जो मेरे घर से जो बेटा सात दिन के बाद सेहरा बांध कर शादी के लिए निकलता, आज उसकी अर्थी हमारे घर से उठ रही है.
परिवार वालों का रो-रोकर है बुरा हाल
बीरबल कुमार मंडल की फांसी लगाकर हुई मौत की घटना के बाद बीरबल के परिवार वालों का रो- रोकर बुरा हाल है. परिवार वालों को समझ में नहीं आ रहा है कि अचानक ऐसी क्या बात हो गई कि बीरबल कुमार मंडल ने शादी के सात दिन पूर्व फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर लिया. वहीं, बीरबल की मौत से उसके परिवार और गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है.