Bareilly : देश और प्रदेश की राजधानी के बीच स्थित बरेली की पहचान दुनिया में सुरमे और पतंग की डोर से है. मगर, देश में बरेली को झुमका सिटी के नाम से भी जानते हैं. बरेली को झुमका सिटी की पहचान वर्ष 1966 में आई बॉलीवुड की फिल्म ‘मेरा साया’ को अभिनेत्री साधाना पर फिल्माए गए गीत “झुमका गिरा रे बरेली के बाजार में” से मिली.
इस फिल्म में बरेली का कोई वाक्या नहीं था, लेकिन गीत के लेखक शायर राजा मेहंदी ने इस गीत के जरिए बरेली के झुमके को दुनिया भर के लोगों की जुबान पर चढ़ा दिया. मगर, इसके बाद बरेली का नाम युवाओं ने रोशन किया है.
शहर की तंग गली में रहने वाली प्रियंका चोपड़ा ने बॉलीवुड से हॉलीवुड तक अपने-अपने अभिनय से रंग जमाया है. उनकी छोटी बहन परिणीति चोपड़ा ने भी बॉलीवुड में कई अच्छी फिल्म दी हैं. कुछ महीने पहले ही आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद राघव चड्डा के साथ परिणीति चोपड़ा की सगाई हो चुकी है. यहां की दिशा पाटनी भी कुछ वर्षों से बॉलीवुड में जलबा बिखेर रही हैं. उन्होंने युवाओं के दिलों पर राज करने वाले फिल्म एक्टर सलमान खान के साथ भी फिल्म की हैं.
पिछले महीने 23 जुलाई को बरेली के झुमका तिराहा पर झुमके के नीचे फिल्म एक्टर रणवीर सिंह और आलिया भट्ट ने फिल्म ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ का प्रमोशन किया था. करीब 180 करोड़ रुपये की निर्माण और प्रचार लागत के साथ रिलीज होने जा रही रणवीर सिंह अपनी पत्नी आलिया भट्ट के साथ फिल्म ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ की रिलीज से पहले पहुंचे थे.
बरेली के युवाओं ने कड़ी मेहनत से बरेली को अलग पहचान दिलाई है. बरेली की बेटी निदा ने भारत का नाम यूएई में रोशन किया है. उन्हें दुबई में यंग अचीवर्स अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है. निदा ने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशंस इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री ली है. भारत से माइक्रोवेव इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री प्राप्त की. वह वर्तमान में यूएई के विश्वविद्यालय में बायोमेडिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी कर रही हैं.
उन्हें पिछले दिनों दुबई में अंतरराष्ट्रीय व्यापार और शैक्षणिक उत्कृष्टता पुरस्कार समारोह में यंग अचीवर अवार्ड से सम्मानित किया गया था. संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) सिविल सेवा परीक्षा-2022 के परिणाम में बरेली की प्रेक्षा अग्रवाल ने 30 वी रैंक हासिल की है. इसके साथ ही शहर के बिहारीपुर निवासी आदिति वार्ष्णेय की 57वीं रैंक आई थी. मगर, बरेली में तैनात सीओ सेकेंड राजकुमार मिश्रा की बेटी स्फूर्ति मिश्रा ने देश में चौथी रैंक हासिल की, लेकिन वह इलाहाबाद की मूल निवासी हैं.
यूपीएससी एग्जाम-2021 में शहर के अशरफ खां छावनी निवासी तनुज कुमार ने आईएएस परीक्षा अच्छे रैंक के साथ पास की. तनुज कुमार यूपी के स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री डा.अरुण कुमार के भतीजे हैं. इससे पहले यूपीएससी की आईईएस 2020 परीक्षा में फर्स्ट रैंक हासिल कर ईशा स्वरूप ने बरेली का नाम पूरे देश में रोशन किया था. इस वर्ष यूपी बोर्ड और सीबीएसई की परीक्षा में भी बरेली के स्टूडेंट ने सफलता के झंडे गाड़े हैं.
शहर के इंद्रानगर निवासी प्रखर सक्सेना ने जिले का नाम रोशन किया है. उनका भाभा एटामिक रिसर्च सेंटर में वैज्ञानिक के पद पर चयन हुआ है. उनके पिता संजय सक्सेना सरकारी सिविल ठेकेदार और मां छवि सक्सेना भोजीपुरा के जूनियर हाईस्कूल में अध्यापिका हैं. इससे पूर्व बरेली के अक्षत कक्कड़ का चयन 2005 में भाभा एटामिक रिसर्च सेंटर में वैज्ञानिक के पद पर हुआ था.
बरेली के युवाओं ने शिक्षा के साथ ही खेल में भी प्रतिभाएं दिखाई हैं. शाही के इमरान खां ने कई मेडल जीतकर शहर का नाम रोशन किया था. इसके साथ ही कुछ महीने पहले जगतपुर पुराना शहर निवासी नवाजिश अजहरी ने दिल्ली में आयोजित बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता में हरियाणा, पंजाब, राजस्थान व यूपी के प्रतिभागियों को पछाड़ कर क्लासिक बॉडी बिल्डिंग में पहला, जबकि सीनियर बॉडी बिल्डिंग में दूसरा स्थान पाया था. इससे पहले वह दिल्ली में ही आयोजित मिस्टर इंडिया कम्पटीशन में सिल्वर मेडल पा चुके हैं.
युवाओं का यह अंतर्राष्ट्रीय दिवस सबसे पहली बार 12 अगस्त 2000 में मनाया गया था. इस दिन को मनाने का फैसला संयुक्त राष्ट्र सभा ने 17 दिसंबर 1999 को लिया. उस दिन तय किया गया कि 12 अगस्त को हर वर्ष अंतरराष्ट्रीय दिवस के तौर पर मनाया जाएगा. हालांकि, इस दिन को मनाने का सुझाव 1998 में विश्व सम्मेलन में दिया गया. युवाओं के लिए जिम्मेदार मंत्रियों ने विश्व सम्मेलन में युवाओं के लिए एक दिन समर्पित करने का सुझाव दिया था, इसके बाद अगले साल 1999 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस सुझाव को अपनाते हुए 12 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस मनाने की घोषणा की.
बरेली के युवाओं ने दुनिया में नाम रोशन किया है. उनके सराहनीय कार्यों से बरेली को भी पहचान मिली है, लेकिन अब युवा सोशल मीडिया पर चर्चित होने, और लाइक्स मिलने की तलब में रील्स बनाने पर भी तुले हैं. जानलेवा स्टंट से लेकर हथियारों के प्रदर्शन से भी वह गुरेज नहीं करते. इसके चलते कई बार वह मुसीबत में पड़ जाते हैं. फिल्मी डायलॉग और भड़काऊ गानों पर अक्सर युवा कार, और हथियारों के जरिये खतरनाक स्टंट करते हैं. शहर की सड़कों पर हुड़दंग काटते हैं. थोड़ी सी कहासुनी में ही ये भड़क जाते हैं, और अपराध कर डालते हैं. हाल के दिनों में ऐसी घटनाएं सामने आई हैं. मगर, युवाओं को इससे बचने की जरूरत है.
रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली