काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में फर्जी नियुक्ति पत्र देकर नौकरी के एवज में पैसा ऐंठने का एक मामला सामने आया है. होलकर भवन पहुंचे अभ्यर्थियों ने फर्जी नियुक्ति पत्र दिखाकर पूरे मामले में अपने साथ फ्रॉड होने की शिकायत की. जहां पीड़ित अभ्यर्थियों से सारी बात जानने के बाद संयुक्त कुलसचिव (चयन एवं आकलन प्रकोष्ठ) नंद लाल ने होलकर भवन से दो व्यक्तियों को फर्जी नियुक्ति के मामले में पकड़ा भी है. बता दें कि पूर्व में भी इन व्यक्तियों के बारे में शिकायत आ चुकी है कि ये विश्वविद्यालय के कर्मचारी बनकर अभ्यर्थियों को नौकरी दिलाने के नाम पर ओरिजनल सर्टिफिकेट रखवाकर उनसे पैसे ऐंठते थे.
पकड़े गए ये दोनों व्यक्ति होलकर भवन में मौजूद थे. जहां आम लोगों और छात्रों का प्रवेश वर्जित हैं. पूर्व में भी कई अभ्यर्थी इनके शिकार बन चुके हैं. इनके बारे में शिकायत करते हुए अभ्यर्थियों ने बताया है कि ये काशी हिंदू विश्वविद्यालय का खुद को कर्मचारी बताते थे और होलकर भवन में आने से मना करते थे. फर्जी नियुक्ति पत्र के आधार पर ओरिजनल सर्टिफिकेट लेकर यह पैसा ले लेते थे और अभ्यर्थी परेशान घूमते थे.
आज फर्जी ज्वाइनिंग लेटर लेकर पहुंचे. अभ्यर्थियों की ओर से दी गयी फोटो और नंबर के आधार पर आज इन दोनों व्यक्तियों को पकड़ा गया है. पकड़े गए दोनो व्यक्तियों से जब चीफ प्रॉक्टर ने पूछताछ की, तो पता चला कि आकाश दुबे नाम का व्यक्ति जो कि जौनपुर के मड़ियाहूं का रहने वाला खुद को बताता है. वही पैसे लेकर फर्जी नियुक्ति के नाम का झांसा देता है. जबकि दूसरा व्यक्ति बाहर के किसी राज्य का है. इसके बारे में अभी पूरी जानकारी नहीं मिल पाई है. ये पूरी प्लानिंग के साथ अभ्यर्थियों को बेवकूफ बनाते थे. इनकी पूरी कोशिश रहती थी कि अभ्यर्थी विश्वविद्यालय में किसी से संपर्क न कर पाए. जैसे ही इन्हें पैसा मिलता था, ये फर्जी नियुक्ति पत्र थमा देते थे.
ये अवैध कार्य काफी दिनों से चल रहा था. जिसकी वजह से ये यूनिवर्सिटी के माहौल से परिचित हो गए थे और होलकर भवन आने से अभ्यर्थियों को रोक देते थे. इसके बाद उन्हें जॉब का आश्वासन देकर ओरिजनल सर्टिफिकेट रखवा लेते थे, ऐसे में अभ्यर्थी पैसे दे देता था और उसके बदले उसे फर्जी लेटर देते थे, आज किसी तरह से होलकर भवन पहुंचे अभ्यर्थियों ने फर्जी लेटर दिखाकर चीफ प्रॉक्टर से पूरी बात बताई.
जिसके बाद संयुक्त कुलसचिव नंद लाल ने पकड़ लिया. पकड़े गए व्यक्तियों से पूछताछ हुई तो उन्होंने आकाश दूबे नामक के व्यक्ति के बारे में बताया. जिसने की दो लाख रुपया लिया है और वह अपना पता हमेशा बदलता रहता है. अभ्यर्थियों द्वारा नंबर और फोटोग्राफ उपलब्ध करवाई गयी थी. जिसकी बिनाह पर आज इन दोनों शख्स को पकड़ा गया है. पूछताछ के बाद पुलिस को सूचना दे दी गयी है, जो मौके पर पूछताछ कर रही है.
इस मामले पर चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर बीसी कापड़ी ने सभी अभ्यर्थीयों से अपील की है कि किसी के प्रलोभन में न फसें. विश्वविद्यालय में केंद्र के मानक के अनुरूप नियुक्तियां आती हैं और पूरे प्रोसिजर के साथ साक्षत्कार के बाद ही किसी का अपॉइंटमेंट होता है. इसलिए किसी के प्रलोभन में न आएं.
रिपोर्ट- विपिन सिंह, वाराणसी