सूरत से वापस घर आ रहे युवक की रास्ते में हुई मौत, गढ़वा का रहने वाला था मृतक

नगरउंटारी थाना क्षेत्र के मर्चवार ग्राम निवासी शिव कुमार चौधरी के 35 वर्षीय पुत्र अवधेश चौधरी की मौत सीमावर्ती उत्तरप्रदेश के नेशनल हाइवे 75 रीवां-रांची मार्ग पर हाथीनाला के निकट हो गई. वह गुजरात प्रदेश के सूरत से अपने घर आ रहा था. जानकारी के अनुसार उत्तरप्रदेश के सोनभद्र जिला अंतर्गत दुद्धी थाना की पुलिस ने उसके शव को बरामद किया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 28, 2020 11:22 AM

गढवा : नगरउंटारी थाना क्षेत्र के मर्चवार ग्राम निवासी शिव कुमार चौधरी के 35 वर्षीय पुत्र अवधेश चौधरी की मौत सीमावर्ती उत्तरप्रदेश के नेशनल हाइवे 75 रीवां-रांची मार्ग पर हाथीनाला के निकट हो गई. वह गुजरात प्रदेश के सूरत से अपने घर आ रहा था. जानकारी के अनुसार उत्तरप्रदेश के सोनभद्र जिला अंतर्गत दुद्धी थाना की पुलिस ने उसके शव को बरामद किया. उसके पास समान में मिले पहचान पत्र से पुलिस ने उसकी पहचान किया तथा मोबाइल द्वारा उसके घर वालो से सम्पर्क किया. बुधवार को दुद्धी पुलिस मृतक अवधेश के घर पहुंची तथा अपने साथ मृतक के परिजनों को ले गई.

मृतक के चाचा गुलाबचंद चौधरी ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद लगभग रात एक बजे शव गांव पहुंचा, जहां स्थानीय पुलिस अपने संरक्षण में शव का अंतिम संस्कार लगभग रात्रि 1.30 बजे कर दिया गया. शव मृतक के घर तक नही ले जाने दिया गया. मृतक के पिता शिव कुमार चौधरी ने मुखाग्नि दिया. परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार–मृतक अवधेश चौधरी गुजरात प्रदेश के सूरत के जीआईडीसी स्थित गुलशन कम्पनी में काम करता था. कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर देश व्यापी लॉक डाउन के कारण वह वहीं फंस गया था.

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बताया जाता है कि वह सूरत से ट्रेन द्वारा अपने घर आ रहा था,उसके पास सूरत से बिहार के बेगूसराय तक का टिकट था. लेकिन वह बेगूसराय तक नही जाकर वाराणसी में ही उतर गया था. वाराणसी पहुंचने के बाद उसकी पत्नी सुनीता देवी से उसकी बात हुई थी. उसके साले मुकेश चौधरी ने भी 11.45 बजे उससे बात किया था. परिजनों के अनुसार वह सितम्बर में ही काम करने गुजरात गया था. उसके दो लड़के व एक लड़की है. मृत्यु की सूचना मिलते ही गांव में शोक की लहर दौड़ गई. घर मे कोहराम मच गया. परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया था. घटना की जानकारी होते ही मृतक के घर आने जाने वालों का सिलसिला जारी था.

वहीं कुछ लोगो ने कहा कि सूरत से ट्रेन द्वारा अवधेश चौधरी वाराणसी पहुंचा था,लेकिन सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि आखिर अवधेश वाराणसी से हाथीनाला कैसे पहुँचा? इस पूरे मामले को लेकर यदि वह वाराणसी से पैदल ही चला तो क्या उत्तरप्रदेश प्रशासन की नजर उस प्रवासी मजदूर पर नही पड़ी. इस संबंध में पूछे जाने पर अनुमण्डल पदाधिकारी कमलेश्वर नारायण ने बताया कि वर्तमान में मृतक के पत्नी को पेंशन व परिजनों को पारिवारिक लाभ योजना का लाभ दिया जायेगा.

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