बरेली की ‘पहचान’ से युवाओं को मिलेगा रोजगार, राष्ट्रीय बैंबू मिशन के तहत कवायद शुरू

भारत सरकार की योजना राष्ट्रीय बैंबू मिशन के तहत बरेली में वन विभाग ने सीबीगंज स्थित कार्यालय पर पिछले दिनों 15 दिन का कैंप लगाया था. इसमें करीब 40 महिलाओं को ट्रेनिंग दी गई. बैंबू से हैंडीक्राफ्ट का सामान बनाना भी सिखाया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | November 22, 2021 11:05 PM

Bareilly News: देश और प्रदेश की राजधानी के बीच स्थित बरेली की पहचान बांस बरेली के रूप में थी. वह इसलिए क्योंकि यहां शहर से लेकर देहात तक बांस की खेती होती थी. बांस की बड़ी पैदावार होने के कारण बरेली को पहचान भी मिली. देश और दुनिया में बरेली को बांस बरेली के नाम से जाना जाता था, लेकिन वक्त के साथ बांस की खेती और पैदावार बंद हो गई. इसलिए बरेली की पहचान ‘बांस’ को भी लोग भूल गए. मगर, अब राष्ट्रीय बैंबू मिशन के तहत एक बार फिर ‘पहचान’ को ‘पहचान’ दिलाने की कोशिश की गई है. इस योजना के तहत वन विभाग बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराएगा, जिसकी कवायद शुरू हो गई है.

भारत सरकार की योजना राष्ट्रीय बैंबू मिशन के तहत वन विभाग ने सीबीगंज स्थित कार्यालय पर पिछले दिनों 15 दिन का कैंप लगाया था. इसमें करीब 40 महिलाओं को ट्रेनिंग दी गई. बैंबू से हैंडीक्राफ्ट का सामान बनाना सिखाया गया. ट्रेनिंग लेने वालों से अब वन विभाग की टीमें संपर्क कर रही हैं.

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बांस की पैदावार बढ़ाने और बांस आधारित उद्योग-धंधों को गति देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा नेशनल बैंबू मिशन चलाया जा रहा है. ग्रामीण महिलाओं और गरीब किसानों को बांस से बनी वस्तुओं का प्रशिक्षण दिया जा चुका है. इस मिशन को लेकर प्रभागीय वन अधिकारी समीर कुमार ने सभी वन रेंजरों को जरूरी दिशा निर्देश दे दिए हैं.

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महिलाओं को प्रशिक्षण के तहत घरेलू सजावटी सामान, बांस से बनी ज्वैलरी और फर्नीचर आदि बनाना सिखाया गया. ट्रेनिंग हासिल करने वाली महिलाओं को बांस, गोंद, तार, आदि जो भी कच्चा माल होगा, मुहैया कराया जाएगा जिसके जरिए वह बांस से बने हैंडीक्राफ्ट निर्मित कर सकेंगी.

बैंबू आर्टिस्ट और ट्रेनर नीरा कुमार की निगरानी में 40 लोगों को प्रशिक्षण देकर प्रमाण पत्र दिया गया था. वन विभाग हैंडीक्राफ्ट उत्पादों को तैयार करने में न सिर्फ मदद करेगा, बल्कि उनको बाजार भी उपलब्ध कराएगा.

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(रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली)

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