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झारखंड विधानसभा चुनाव 2024
बिहार से अलग होकर 15 नवंबर 2000 को अस्तित्व में आया झारखंड राज्य 5 प्रमंडल में बंटा हुआ है. राज्य में 24 जिले हैं, जिसमें 81 विधानसभा सीटें हैं. संताल परगना प्रमंडल के 6 जिलों में 18 विधानसभा सीटें हैं. इनमें से 7 विधानसभा सीटें अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित हैं, जबकि एक सीट देवघर अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित है. उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल में 7 जिले हैं और सबसे अधिक 25 विधानसभा सीटें हैं. 4 सीटें अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित हैं. इस प्रमंडल में कोई विधानसभा सीट आदिवासियों यानी एसटी के लिए आरक्षित नहीं है. धनबाद, रामगढ़ और कोडरमा 3 जिले ऐसे हैं, जहां की सभी विधानसभा सीटें अनारक्षित हैं. चतरा जिले की दोनों सीटें सिमरिया और चतरा अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. गिरिडीह की जमुआ विधानसभा सीट और बोकारो की चंदनकियारी सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल में 5 जिले आते हैं, जिसमें 15 विधानसभा सीटें हैं. इनमें से 11 सीटें अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित हैं. राजधानी रांची स्थित कांके विधानसभा सीट एकमात्र सीट है, जो अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित है. कोल्हान प्रमंडल में 3 जिले हैं. इन 3 जिलों में 14 विधानसभा सीटें हैं. 14 में से 9 विधानसभा सीटें अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित हैं. जुगसलाई एकमात्र सीट है, जो अनुसूचित जाति (एससी) के लिए रिजर्व है. कोल्हान की तरह ही पलामू प्रमंडल में भी 3 जिले आते हैं, लेकिन इस प्रमंडल में सबसे कम 9 विधानसभा सीटें हैं. इनमें से लातेहार जिले की मनिका सीट अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए और लातेहार सीट अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित है. पलामू जिले का छतरपुर विधानसभा भी अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. 2019 के विधानसभा चुनाव में झामुमो, कांग्रेस और राजद ने मिलकर चुनाव लड़ा था और पूर्ण बहुमत हासिल किया था. भाजपा मात्र 25 सीटें जीत पाई थी. भाजपा और आजसू दोनों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था.