Nitish Kumar
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नीतीश कुमार का जन्म 1 मार्च 1951 को बख्तियारपुर, बिहार, भारत में हुआ. नीतीश कुमार जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष हैं और देश के प्रमुख नेताओं में से एक हैं. नीतीश कुमार बिहार के सबसे लंबे समय तक रहने वाले मुख्यमंत्री हैं. नीतीश कुमार भारतीय राजनीति में ऐसे इकलौते नेता हैं, जिन्हें समय समय पर सभी वैचारिक दलों ने अपना समर्थन दिया है.
एक कुर्मी परिवार में जन्मे नीतीश कुमार के पिता स्वतंत्रता सेनानी थे और आधुनिक बिहार के संस्थापकों में से एक महान गांधीवादी अनुग्रह नारायण सिन्हा के करीब थे. उनके पिता, कविराज राम लखन एक आयुर्वेदिक वैद्य थे. नीतीश कुमार का उपनाम ‘मुन्ना’ है. उन्हें 1972 में बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (अब एनआईटी पटना) से विद्युत इंजीनियरिंग में डिग्री मिली.1973 में नीतीश का विवाह मंजू कुमारी सिन्हा से हुआ था. मंजू कुमारी पटना में एक स्कूल में अध्यापिका थीं. उनके पास एक बेटा है, निशांत (जन्म 20 जुलाई 1975), जो बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान-मेसरा से इंजीनियरिंग में स्नातक हैं.
नीतीश कुमार का करियर बिहार राज्य बिजली बोर्ड की नौकरी से शुरू हुआ, लेकिन वो जल्द ही नौकरी छोड़ राजनीति में चले गए. बिहार अभियांत्रिकी महाविद्यालय के छात्र रहे नीतीश कुमार 1974 में जयप्रकाश बाबू के सम्पूर्ण क्रांति आंदोलन में शामिल हुए. नीतीश कुमार पहली बार बिहार विधानसभा के लिए 1985 में चुने गये थे. 1987 में युवा लोकदल के अध्यक्ष बने. 1989 में नौंवी लोकसभा के सदस्य चुने गये. 1990 में पहली बार केन्द्रीय मंत्रिमंडल में बतौर कृषि राज्य मंत्री शामिल हुए. 1991 में फिर लोकसभा के लिए चुने गये. 98-99 में कुछ समय के लिए वे केन्द्रीय रेल एवं भूतल परिवहन मंत्री भी रहे. गैसाल में हुई रेल दुर्घटना के बाद उन्होंने मंत्रीपद से अपना इस्तीफा दे दिया.
सन 2000 में नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बने, लेकिन सदन में अपनी संख्या साबित करने से पहले ही इस्तीफा दे दिया. वे फिर से केन्द्रीय मंत्रिमंडल में कृषि मंत्री बने. मई 2001 से वे वाजपेयी सरकार में केंद्रीय रेल मंत्री रहे. 2004 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने बाढ़ एवं नालंदा से अपना पर्चा दाखिल किया, लेकिन वे बाढ़ की सीट हार गये. नवंबर 2005, में राष्ट्रीय जनता दल की बिहार में पंद्रह साल पुरानी सत्ता को उखाड़ फेंकने में सफल हुए और मुख्यमंत्री के रूप में उनकी ताजपोशी हुई.
सन् 2010 के बिहार विधानसभा चुनावों में अपनी सरकार द्वारा किये गये विकास कार्यों के आधार पर वे भारी बहुमत से अपने गठबंधन को जीत दिलाने में सफल रहे और पुन: मुख्यमंत्री बने. 2014 में उन्होंने अपनी पार्टी की संसदीय चुनाव में खराब प्रदर्शन के कारण मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. 2015 के चुनाव के बाद वो फिर मुख्यमंत्री बने. नीतीश कुमार अब तक नौ बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं और बिहार में सबसे लंबी अवधि तक मुख्यमंत्री पद पर रहने का रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके हैं.