24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

West Bengal Tourist Destinations: रवींद्रनाथ टैगोर की विरासत की याद दिलाता शांति निकेतन, जानें कब करें विजिट

West Bengal Tourist Destinations, Shantiniketan Tour: रवीन्द्रनाथ टैगोर ने 1901 में शांतिनिकेतन में एक छोटे-से स्कूल की स्थापना की थी. जो आज पूरे विश्व में एक नाम स्थापित किया है.1919 में उन्होंने कला के एक स्कूल 'कला भवन' की नींव रखी जो 1921 में स्थापित विश्वभारती विश्वविद्यालय का एक हिस्सा बन गया.

West Bengal Tourist Destinations, Shantiniketan Tour: शांतिनिकेतन – शिक्षा की इस नगरी का नाम सुनते ही नयनों के समक्ष रवींद्र नाथ ठाकुर की छवि प्रकट हो जाती है.बालपन से हमने रवींद्रनाथ ठाकुर एवं उनकी कर्म भूमि शांतिनिकेतन के विषय में सुना एवं पढ़ा था.रवीन्द्रनाथ टैगोर ने 1901 में शांतिनिकेतन में एक छोटे-से स्कूल की स्थापना की थी. जो आज पूरे विश्व में एक नाम स्थापित किया है. 1919 में उन्होंने कला के एक स्कूल ‘कला भवन’ की नींव रखी जो 1921 में स्थापित विश्वभारती विश्वविद्यालय का एक हिस्सा बन गया.

कहां स्थित है शांतिनिकेतन

शांति निकेतन कोलकाता से लगभग 180 किमी. दूर बीरभूम जिले के बोलपुर में स्थित है.शांतिनिकेतन की स्थापना देवेन्द्रनाथ ठाकुर ने की थी.बाद में ये जगह उनके बेटे रविन्द्रनाथ टैगोार की वजह से मशहूर हो गई.रविन्द्रनाथ टैगोर ने पथ भवन की शुरूआत की.इस स्कूल में शुरू में 5 बच्चे पढ़ने आए.उन्होंने प्रकृति के बीच कक्षाओं को चलाने का अनोखा तरीका शुरू किया.

शांतिनिकेतन का इतिहास

शांतिनिकेतन का इतिहास यह 1862 का वह दिन था जब महान लेखक रबींद्रनाथ टैगोर के पिता महर्षि देबेंद्रनाथ टैगोर को एक शांत जगह मिली जहां वह शांति से ध्यान कर सकते थे. उन्होंने उस स्थान को शांति का स्थान मानते हुए उसका नाम शांतिनिकेतन रख दिया. बाद में लोग इसे एक आध्यात्मिक केंद्र के रूप में पहचानने लगे जहां बड़ी संख्या में लोग प्रार्थना और ध्यान के लिए इकट्ठा होते थे और फिर 1863 में देबेंद्रनाथ टैगोर ने एक आश्रम की नींव भी रखी. 1901 में रवीन्द्रनाथ टैगोर ने शांतिनिकेतन में ही एक स्कूल शुरू किया.

महान लेखक टैगोर के पास दुनिया के बारे में एक दृष्टिकोण था, उनका मानना था कि अस्तित्व में मनुष्य को प्रकृति के साथ पूर्ण सामंजस्य होना चाहिए और इसलिए उन्होंने एक स्कूल की नींव रखी. उन्होंने इसे “पाठ भवन” नाम दिया, जो केवल पांच छात्रों के साथ शुरू हुआ. चार दीवारों वाली कक्षा के विपरीत, इस स्कूल के उद्घाटन के साथ खुली हवा वाली कक्षा में पढ़ाई वास्तविकता बन गई. जब रवीन्द्रनाथ टैगोर को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया, तो स्कूल को एक अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के रूप में विस्तार मिला, जिसका नाम विश्व भारती रखा गया. अब विश्वविद्यालय के दो परिसर हैं, एक शांतिनिकेतन में और दूसरा श्रीनिकेतन में जो हस्तशिल्प के साथ-साथ ग्राम कल्याण, वयस्क शिक्षा, कृषि और कुटीर उद्योगों पर केंद्रित है.

शांतिनिकेतन के इन जगहों की करें सैर

टैगोर हाउस

शांति निकेतन में रविन्द्रनाथ टैगोर जिस जगह पर सबसे ज्यादा वक्त बिताते थे.उसे टैगोर हाउस के नाम से जाना जाता है.रविन्द्रनाथ टैगोर के पिता देवेन्द्रनाथ ने इस भवन को बनवाया था.बंगाल के आर्किटेक्चर में बनी ये बिल्डिंग वाकई खूबसूरत है.ये इमारत काफी बड़ी और इसमें कई कमरे भी हैं.इसी बड़े भवन में कई चित्र और पेंटिंग्स हैं.

कला भवन

शांति निकेतन की सबसे खास जगहों में से एक है, कला भवन.कला भवन को देखते ही आप समझ जाएंगे कि ये कल्चर और आर्ट से जुड़ी हुई है.इसी कला भवन में विश्व भारती शिक्षा संस्थान है.रविन्द्रनाथ टैगोर ने ही इसकी स्थापना की थी

विश्व भारती यूनिवर्सिटी

विश्व भारती यूनिवर्सिटी शांति निकेतन की सबसे खास जगहों में से एक है.यहाँ पर आपको आश्रम व्यवस्था देखने को मिलेगी.पेड़ के नीचे क्लास होती है और विद्यार्थी जमीन पर बैठते हैं.यहाँ पर पढ़ाई का कोर्स भी एकदम अलग होता है.प्रकृति से जुड़कर शिक्षा का महत्व यहाँ पर समझाया जाता है.शांति निकेतन में इसकी शुरूआत रविन्द्रनाथ टैगोर ने की थी.

रविन्द्र भारती म्यूजियम

अगर आपको रविन्द्रनाथ टैगोर और उनके साहित्य के बारे जानना है तो आपको रविन्द्र भारती म्यूजियम आना चाहिए.शांति निकेतन के इस संग्रहालय में रविन्द्रनाथ टैगोर की साहित्यिक और कला से लेकर सभी रचनाएं आपको मिल जाएंगी.

सोनाझुरी हाट

शांति निकेतन और बंगाली माहौल को देखना है तो आपको सोनाझुरी हाट देखना चाहिए.शांति निकेतन में पूरे हफ्ते में एक बार सोनाझुरी हाट लगती है.इस वीकल हाट में ग्रामीण इलाकों से आर्टिस्ट आते हैं और अपने हाथों से बनाए सामान को बेचते हैं.यहाँ की पेटिंग्स आपको बहुत पसंद आएंगी.इस हाट में संथाल जनजाति के लोग डांस और गाते हुए भी दिख जाएंगे.

कैसे पहुंचे शांति निकेतन

ट्रेन सेः शांति निकेतन जाने का सबसे आसान तरीका है, रेल मार्ग. सबसे निकटतम बोलपुर रेलवे स्टेशन है जो शांति निकेतन से सिर्फ 2 से 3 किमी. की दूरी पर है. बोलपुर जंक्शन कोलकाता के हावड़ा और सियालदाह रेलवे स्टेशन से अच्छी तरीके से कनेक्टेड है.

फ्लाइट सेः यदि आप फ्लाइट से शांति निकेतन आने का प्लान बना रहे हैं तो सबसे नजदीकी कोलकाता का दमदम एयरपोर्ट है. एयरपोर्ट से शांति निकेतन लगभग 200 किमी. की दूरी पर है. आप बस से आराम से शांति निकेतन तक पहुँच सकते हैं.

वाया रोडः अगर आप सड़क मार्ग से शांति निकेतन जाने का सोच रहे हैं तो कोलकाता होते हुए आसानी से पहुँच सकते हैं. अगर आप बस से जा रहे हैं तो कोलकाता, दुर्गापुर और गुवाहटी जैसे शहरों से शांति निकेतन के लिए बसें आराम से मिल जाएंगी. अगर आपके पास खुद की गाड़ी है तब तो आपको कोई भी दिक्कत नहीं आएगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें