उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी टिकट वितरण और कैंडिडेट सेलेक्शन को लेकर तैयारियों में जुट गई है. बताया जा रहा है कि इस बार करीब आधा दर्जन से अधिक विधायकों के टिकट पर तलवार लटक गई है. इधर, अखिलेश यादव के निर्देश के बाद पार्टी आलाकमान की ओर से कैंडिडेट सेलेक्शन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
सपा सूत्रों के अनुसार इस बार पार्टी तीन स्तर पर स्क्रीनिंग करके ही उम्मीदवारों के नाम का ऐलान करेगी. सपा इसके लिए लगातार सभी इलाकों में सर्वे करा रही है और जिताऊ उम्मीदवार को खोज रही है. बता दें कि पिछले दिनों पार्टी की ओर से कैंडिडेट के लिए आवेदन भी मंगाए गए थे.
इन विधायकों पर गिर सकती है गाज– सूत्रों के मुताबिक समाजवादी पार्टी इस बार उन विधायकों की सूची बना रही है, जो पंचायत चुनाव में पार्टी से दगाबाजी कर चुके हैं. इसके अलावा पार्टी विधायकों के परफॉर्मेंस और कार्यकर्ताओं में पकड़ को आधार बनाकर मार्किंग करने की तैयारी में जुट गई है. पार्टी फाइनल स्क्रीनिंग के बाद इन विधायकों का टिकट काटने का ऐलान कर सकती है.
महिला और यूथ पर फोकस- बता दें कि अखिलेश यादव ने पिछले दिनों कहा था कि सपा इस बार एमवाय यानी महिला और यूथ के फॉर्मूले पर काम करेगी. अखिलेश यादव के इस बयान के बाद माना जा रहा है कि इस बार समाजवादी पार्टी महिला और यूथ को अधिक टिकट दे सकती है. हालांकि लोकसभा चुनाव में भी अखिलेश यादव के कई यूथ चेहरे को उम्मीदवार बनाया था, लेकिन जीतने में सभी असफल रहे थे.
छोटी पार्टियों से गठबंधन- बताया जा रहा है कि सपा इस बार छोटी पार्टियों से गठबंधन को तरजीह दे रही है. इसको लेकर काम शुरू भी हो चुका है. अखिलेश यादव ने छोटी पार्टियों को तरजीह देने के सवाल पर कहा था कि बड़ी पार्टियों के साथ अनुभव खराब रहा है.