Varanasi News: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 के लिए 10 फरवरी से मतदान होंगे. बीजेपी ने रविवार देर रात तमाम अटकलों को दर किनार करते हुए वाराणसी की 8 सीटों में से 6 सीट पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं. वाराणसी सीट पर वर्तमान सरकार में 3 मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. बीजेपी आलाकमान ने वाराणसी में घोषित 6 सीटो में 5 सीटों पर वर्तमान विधायकों पर ही भरोसा जताया है.
बीजेपी ने अजगरा सुरक्षित सीट से बसपा छोड़कर आए त्रिभुवन राम को उम्मीदवार बनाया है. रोहनिया और सेवापुरी पर अभी सस्पेंस बरकरार है. बीजेपी ने रविवार को यूपी के विधानसभा चुनाव में 45 उम्मीदवारों की सूची जारी की. वाराणसी के 8 विधानसभा में से 6 सीटों पर बीजेपी ने उम्मीदवारों की घोषणा की. वाराणसी की उत्तरी विधानसभा से रविंद्र जायसवाल को उतारा है. रविंद्र जायसवाल वर्तमान सरकार में स्टांप अदालत शुल्क पंजीकरण राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार हैं. रविंद्र जायसवाल ने पूर्वांचल विश्वविद्यालय से कॉमर्स और कानून की पढ़ाई की है. रविंद्र जायसवाल ने एमबीए की डिग्री भी ली है. जायसवाल के पिता आरएसएस के स्वयंसेवक थे.
वाराणसी की दक्षिणी विधानसभा सीट बीजेपी की सबसे सुरक्षित सीट है. यहां 1989 से लगातार बीजेपी के कब्जा रहा है. 7 बार के विधायक श्यामदेव राय चौधरी का टिकट काट के भारतीय जनता पार्टी ने 2017 में नीलकंठ तिवारी को उतारा था. 2017 में नीलकंठ तिवारी ने कांग्रेस प्रत्याशी राजेश मिश्रा को हराकर चुनाव जीता था. नीलकंठ तिवारी वर्तमान सरकार में धर्मार्थ कार्य, संस्कृति, पर्यटन राज्यमंत्री ( स्वंतत्र प्रभार) मंत्री हैं. नीलकंठ तिवारी ने बीएससी, बीएड, बीजे और एलएलबी के अलावा दर्शन शास्त्र से पीजी की उपाधि हासिल की है. नीलकंठ तिवारी ने एकात्म मानववाद व अभियांत्रिकी विषय से पीएचडी की है.
Also Read: UP Election 2022: अखिलेश यादव ने किया पोस्टल बैलेट में धांधली का दावा, आयोग से कार्रवाई की मांग
वाराणसी की कैंट विधानसभा से बीजेपी ने सौरभ श्रीवास्तव (वर्तमान विधायक) को प्रत्याशी बनाया है. यहां पर एक ही परिवार का कब्जा रहा है. 1991 से लेकर भाजपा के एक ही परिवार या यूं कहे पहले मां, फिर पिता, फिर मां और अब बेटे का कब्जा है. कैंट विधानसभा पर पिछले 7 चुनावों से भाजपा के श्रीवास्तव परिवार का कब्जा कायम है. पहले 2 बार ज्योत्सना श्रीवास्तव, उसके बाद उनके पति हरीश चंद्र श्रीवास्तव (2 बार), फिर 2 बार ज्योत्सना श्रीवास्तव और इस बार 2017 में बेटे सौरभ श्रीवास्तव काबिज हैं. सौरभ श्रीवास्तव ने वाणिज्य से स्नातक व प्रबंध शास्त्र से स्नाकोत्तर है. सौरभ श्रीवास्तव भाजयुमो के उपाध्यक्ष, प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य रह चुके हैं.
वाराणसी की शिवपुर विधानसभा से बीजेपी ने अनिल राजभर को प्रत्याशी बनाया है. वर्तमान सरकार में मंत्री अनिल राजभर की वजह से इस बार हॉट सीट मानी जा रही है. 2012 में हुए परिसीमन के बाद चिरईगांव सीट का नाम बदलकर शिवपुर विधानसभा सीट कर दिया गया था. इस तरह से इस सीट पर अब तक दो बार चुनाव हुए हैं, जिसमें एक बार भाजपा तो एक बार बसपा ने जीत हासिल की है.
वाराणसी की पिंडरा विधानसभा से इस बार वर्तमान विधायक अवधेश सिंह को प्रत्याशी बनाया है.1996 में वर्तमान कांग्रेस नेता अजय राय ने सीपीआईएम का सफाया कर यहां से जीत हासिल की. उस वक्त अजय राय बीजेपी में हुआ करते थे. कुर्मी बाहुल्य इलाके में अजय राय ने 1996 से 2017 तक इस विधान सभा पर कब्जा रखा, लेकिन 2017 में ये सीट पर बीजेपी के अवधेश सिंह ने अजय राय को हरा के इस विधानसभा से जीत हासिल की.
वाराणसी की अजगरा विधानसभा सीट पर बीजेपी ने त्रिभुवन राम को प्रत्याशी बनाया है.2012 में अस्तित्व में आयी इस विधानसभा सीट पर बसपा के त्रिभुवन राम ने जीत हासिल की थी. 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और सुभासपा गठबंधन में इस सीट से सुभासपा 2017 में कैलाश नाथ सोनकर को मैदान में उतारा था. कैलाश नाथ सोनकर ने जीत हासिल की थी. त्रिभुवन राम ने प्रौद्योगिकी संस्थान बीएचयू से इंजीनियरिंग की डिग्री ली है.
रिपोर्ट- विपिन सिंह