उत्तर प्रदेश में चुनावी घमासान से पहले दिल्ली से लेकर लखनऊ तक केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और खीरी के सांसद अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की मांग जोर पकड़ ली है. टेनी को लेकर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बसपा मोदी और योगी सरकार पर हमलावर है. वहीं बीजेपी हाई कमान ने टेनी के इस्तीफे को लेकर चुप्पी साध ली है.
दरअसल, लखीमपुर हिंसा में अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा पर जांच एजेंसी के एक्शन के बाद से विपक्ष सरकार पर हमलावर है और इस्तीफे की मांग पर अड़ गई है. वहीं बताया जा रहा है कि चुनाव से पहले बीजेपी आलाकमान टेनी को हटाकर किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती है.
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अजय मिश्रा टेनी का प्रभाव तराई इलाकों में है. ऐसे में अगर बीजेपी हाई कमान उनपर एक्शन लेती है, तो इन इलाकों में सीटों पर असर पड़ सकता है. हालांकि यह पहला मामला नहीं है, जब बीजेपी हाईकमान किसी रसूखदार नेताओं पर कार्रवाई करने को लेकर पेशोपेश में है. इससे पहले भी यूपी बीजेपी के कई नेताओं पर कार्रवाई को लेकर बीजेपी हाईकमान की किरकिरी हो चुकी है.
कुलदीप सिंह सेंगर – पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर रेप का आरोप लगा, तो यूपी पुलिस जांच बैठा दी. हालांकि कुछ दिनों के भीतर ही रेप पीड़िता के पिता की मौत हो गई, जिसके बाद यह मामला तुल पकड़ लिया. सेंगर के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान में लेकर जब मामले की सुनवाई की और सरकार को फटकार लगाई, इसके बाद बीजेपी ने कुलदीप सिंह सेंगर को पार्टी से निलंबित किया.
सतीश द्विवेदी – सतीश द्विवेदी यूपी के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री हैं. द्विवेदी के भाई पर इसी साल मई में आरोप लगा कि ईडब्ल्यूएस कोटे से सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नौकरी ज्वाइन कर ली, जिसके बाद विपक्ष ने सरकार पर हमला बोल दिया. सपा ने इस मुद्दे पर मंत्री के ऊपर आरोप लगाया और निष्पक्ष जांच होने तक इस्तीफा देने की मांग की. हालांकि काफी किरकिरी होने के बाद सतीश द्विवेदी के भाई ने खुद नौकरी से इस्तीफा दे दिया.
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