उत्तर प्रदेश में विधानसभा के चुनावी ऐलान से पहले सभी राजनीतिक दल वोटरों को साधने में जुट गई है. इसी कड़ी में बीजेपी की नजर आगामी चुनाव के लिए ओबीसी वोटों पर है. बताया जा रहा है कि पार्टी ने ओबीसी वोटरों साधने के लिए विशेष रणनीति तैयार की है.
राजनीतिक गलियारों की चर्चा की मानें तो आगामी दिनों में बीजेपी 15 से अधिक ओबीसी सम्मेलन करने की तैयारी कर रही है. यह सम्मेलन आने वाले दिनों में अलग-अलग जिलों में आयोजित किए जाएंगे. बीजेपी सूत्रों के मुताबिक इसके लिए बीजेपी ओबीसी मोर्चा विभाग को जिम्मेदारी दी गई है.
जातीय जनगणना की मांग का सता रहा डर- बीजेपी सूत्रों के मुताबिक देश में जिस तरह से जातीय जनगणना की मांग उठ रही है. ऐसे में चुनाव से पहले बीजेपी अलर्ट हो गई है. बताया जा रहा है कि पार्टी को डर है कि जातीय जनगणना की मांग से कहीं ओबीसी वोट छिटक न जाएं. बीजेपी की नजर गैर यादव ओबीसी वोटरों पर सबसे अधिक है.
क्षेत्रीय क्षत्रपों को जिम्मेदारी– बीजेपी इस बार चुनाव में क्षेत्रीय क्षत्रपों को तरजीह देगी. इस कड़ी जिला स्तर के कद्दावर नेताओं को पार्टी में शामिल कराने की तैयारी पर काम बीजेपी ने शुरू कर दी है. पिछले दिनों अलग-अलग पार्टियों से करीब 20 नेताओं को बीजेपी में शामिल कराया गया है. बता दें कि यूपी में करीब 50 फीसदी ओबीसी वोटर हैं.
बताते चलें कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का ऐलान दिसंबर के अंत तक हो सकता है. चुनाव आयोग निर्वाचन की तैयारी में जुट गई है. यूपी में 403 सीटों पर साल 2022 के शुरुआती महीनों में चुनाव प्रस्तावित है. चुनाव में एक ओर जहां बीजेपी के सामने सत्ता में वापसी करने की चुनौती है. वहीं दूसरी ओर विपक्षी दल भी सरकार बनाने की कोशिश में जुट गई है.
Also Read: UP Election 2022: ढाई महीने की बची है भाजपा सरकार, बरेली में बोले पूर्व मंत्री अताउर्रहमान