Congress Youth Manifesto: भारत में बेरोजगारी दर एक बहुत बड़ी चिंता का सबब है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के अनुसार, दिसंबर 2020 में भारत की बेरोजगारी दर लगभग 8 प्रतिशत तक बढ़ गई है. यह आंकड़ा डरावना है. यूपी में भी नौकरी का संकट है. युवा परेशान हैं. बड़ी बात तो यह है कि यूपी में बेरोजगारों से ही सपा, बसपा, कांग्रेस और भाजपा को एक विशेष आस है. सभी इनसे मतदान के ‘सहारे’ की आस लगाए हुए हैं.
बता दें कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवंबर में इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स की सालाना आम बैठक को संबोधित करते हुए कहा था कि पांच साल पहले बेरोजगारी दर 18 फीसदी के आसपास थी लेकिन अब यह घटकर चार फीसदी हो गई है. उन्होंने यह भी बताया कि केंद्र की 44 योजनाओं में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है. सीएम योगी अपनी जनसभाओं में भी कई बार बता चुके हैं कि यूपी में 4.5 लाख युवाओं को उनकी सरकार में रोजगार मिला है. मगर बेरोजगारी दर यूपी के लिए चिंता का सबब है.
इसी क्रम में यूपी चुनाव में सपा और कांग्रेस दोनों ही युवाओं को ध्यान में रखते हुए सरकार बनने पर रोजगार देने का वादा कर रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस की ओर से शुक्रवार को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा की ओर से जारी मेनिफेस्टो में 20 लाख नौकरियां देने का वादा किया गया है. इनमें से 8 लाख नौकरियां महिलाओं को दी जाएंगी. 1.5 लाख प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती का भी वादा किया गया है. यह मेनिफेस्टो भाजपा सरकार के लिए मुसीबत का सबब बन सकता है.
इसी बीच यूपी विधानसभा चुनाव के महासमर में अपनी किस्मत आजमा रही आम आदमी पार्टी (आप/AAP) ने युवाओं को रोजगार की गारंटी देने का वादा किया है. ‘आप’ के यूपी चुनाव प्रभारी संजय सिंह इसका बड़े जोर-शोर से प्रचार भी कर रहे हैं. यानी यूपी चुनाव में रोजगार का मुद्दा अब गंभीर रूख अख्तियार कर चुका है.
वहीं युवाओं से जुड़े मुद्दों को लेकर भी पार्टी बेहद मुखर रही है. बेरोजगारी, प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली और उनके पेपर आउट होने, सरकारी भर्तियों में आरक्षण की प्रक्रिया का पालन न होने जैसे मुद्दों को लेकर कांग्रेस सरकार पर हमलावर रही है और इनसे प्रभावित युवाओं के आक्रोश और कुंठा को स्वर देती रही है. बता दें कि उत्तर प्रदेश के मतदाताओं में सबसे ज्यादा तादाद युवा वर्ग के है. सूबे के 7.5 करोड़ मतदाता यानी लगभग 50 प्रतिशत वोटर 39 वर्ष तक की उम्र के हैं.