UP Election 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव-22 का आगाज हो चुका है. अधिसूचना जनवरी जारी किया जाना जलगभग तय है. इधर सभी प्रत्याशी ज्यादा-ज्यादा मतों से जीत दर्ज करने की कोशिश में हैं. हालांकि, बरेली में सबसे अधिक मतों से जीत दर्ज करने का रिकॉर्ड भाजपा के डॉ. डीसी वर्मा के नाम कायम है. वह मीरगंज विधानसभा से वर्ष 2017 के चुनाव में 54500 मतों से जीत दर्ज की थी जबकि बरेली में सबसे कम मतों से जीत दर्ज करने का रिकॉर्ड पूर्व मंत्री अताउर्रहमान के नाम दर्ज है. उन्होंने बहेड़ी विधानसभा से वर्ष-2012 के चुनाव में मात्र 18 वोट से जीत दर्ज की थी.
भाजपा विधायक डॉ. डीसी वर्मा ने वर्ष-2007 के विधानसभा चुनाव में पशु चिकित्साधिकारी की नौकरी छोड़कर सियासत में इंट्री की थी. वह पहला चुनाव बसपा से लड़े थे.मगर, उस दौरान सपा के सुल्तान बेग ने डॉ. डीसी वर्मा को काफी अंतर से चुनाव हराया था. इस चुनाव में सुल्तान बेग ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की थी. सपा विधायक सुल्तान बेग ने बसपा सरकार में मुकदमे दर्ज होने के बाद वर्ष-2012 का चुनाव बसपा से लड़ा था, जबकि डॉ. डीसी वर्मा ने बसपा छोड़कर भाजपा से चुनाव लड़ा था.
इस चुनाव में भी सुल्तान बेग ने लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की. उन्होंने भाजपा से चुनाव लड़ने वाले डॉ डीसी वर्मा को करीब 8000 वोटों से हराया था. इसके बाद वर्ष-2017 के चुनाव में डॉ. डीसी वर्मा ने सुल्तान बेग को बड़े अंतर से हराकर जीत दर्ज कर ली. उन्होंने लगातार तीन बार के विधायक सुल्तान बेग को बरेली में सबसे अधिक मतों से चुनाव हराकर रिकॉर्ड कायम किया. डॉ. डीसी वर्मा को 108789 वोट मिले थे,जबकि सुल्तान बेग को 54289 वोट मिले.इस चुनाव में 54500 वोट से डॉ. डीसी वर्मा ने जीत दर्ज की थी.कांग्रेस के नरेंद्र पाल सिंह को 36938 वोट मिले.
इसके साथ ही बहेड़ी विधानसभा में वर्ष-2012 के चुनाव में पूर्व मंत्री अताउर्रहमान ने भाजपा प्रत्याशी एवं वर्तमान में यूपी सरकार के राजस्व राज्यमंत्री छत्रपाल सिंह गंगवार को मात्र 18 वोट से हराया था.यह बरेली ही नहीं यूपी में वर्ष-2012 के चुनाव में सबसे छोटी जीत थी.इस चुनाव में सपा के अताउर्रहमान को 48172 वोट मिले थे, जबकि भाजपा के छत्रपाल सिंह गंगवार को 48154 वोट मिले. इस चुनाव में बसपा के अंजुम रशीद को 38214 वोट मिले थे जबकि 2017 के चुनाव में छत्रपाल सिंह ने करीब 42 हजार मतों से जीत दर्ज कर विधायक बने थे.कुछ महीने पहले ही उन्हें राजस्व राज्यमंत्री बनाया गया है.
रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद