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UP Election 2022: करहल में मुलायम सिंह के ‘शिष्य’ से अखिलेश का मुकाबला, कितनी आसान है SP सुप्रीमो की राह?

एसपी सिंह बघेल एक जमाने में मौजूदा सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक शिष्य हुआ करते थे. अपने गुरु से सीखे गए सियासी दांव-पेंच के सहारे एसपी सिंह बघेल करहल से अखिलेश को चुनौती दे रहे हैं.

UP Election 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में 20 फरवरी को 16 जिले की 59 सीटों पर मतदान है. इसमें कई सीटें हाई-प्रोफाइल हैं, जिसमें सबसे ज्यादा चर्चा है मैनपुरी जिले की करहल विधानसभा सीट की. इस सीट से सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव चुनावी मैदान में हैं. उनसे मुकाबला करने के लिए बीजेपी ने एसपी सिंह बघेल को मैदान में उतारा है. एसपी सिंह बघेल एक जमाने में मौजूदा सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक शिष्य हुआ करते थे. अपने गुरु से सीखे गए सियासी दांव-पेंच के सहारे एसपी सिंह बघेल करहल से अखिलेश को चुनौती दे रहे हैं.

मुलायम सिंह यादव से सीखा राजनीति के दांव-पेंच

मैनपुरी जिले की करहल विधानसभा सीट को सपा का गढ़ माना जाता है. इस सीट पर सपा को हराना आसान नहीं है. करहल विधानसभा में 3.71 लाख मतदाता हैं. इसमें यादव मतदाताओं की बात करें तो उनकी संख्या 1.44 लाख है, जो कुल मतदाताओं का 38 फीसदी है. करहल सीट से मुलायम सिंह यादव का पुराना रिश्ता रहा है. किसी दौर में मुलायम सिंह ने करहल की धरती से कुश्ती के गुर सीखे थे. कहा जाता है एक शिक्षक के रूप में भी मुलायम सिंह यादव ने यहां सेवाएं दी. भले ही आज मुलायम सिंह सक्रिय राजनीति से दूर हों, आज भी उनका नाम जीत की गारंटी माना जाता है.

सपा, बसपा के बाद बीजेपी में आए एसपी सिंह बघेल

करहल सीट से अखिलेश यादव को बीजेपी प्रत्याशी एसपी सिंह बघेल चुनौती दे रहे हैं. एसपी सिंह बघेल आगरा के सांसद हैं और केंद्र सरकार में कानून एवं न्याय मंत्रालय के राज्यमंत्री का जिम्मा संभाल रहे हैं. राजनीति में आने से पहले एसपी सिंह बघेल यूपी पुलिस में उपनिरीक्षक भी हुआ करते थे. जब सपा के तत्कालीन सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव यूपी के सीएम बने तो उनकी सुरक्षा में भी तैनात रहे. बाद में नौकरी छोड़कर राजनीति का रूख किया. एसपी सिंह बघेल ने बसपा से राजनीति की शुरुआत की. यहां ज्यादा दिनों तक नहीं टिके. बाद में सपा में शामिल हो गए. अभी वो बीजेपी में हैं.

अखिलेश का मुकाबला मुलायम के ‘शिष्य’ से…

एसपी सिंह बघेल के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने सपा में रहते हुए मुलायम सिंह यादव से राजनीति की तमाम बारीकियां सीखी थी. मुलायम सिंह यादव ने एसपी सिंह बघेल को राजनीति सिखाई और तीन बार (1998, 1999 और 2004) लोकसभा में भी पहुंचाया. 2010 के आसपास एसपी सिंह बघेल ने सपा छोड़ बसपा का दामन थामा. यहां भी उनकी दूसरी पारी ज्यादा नहीं चली. 2014 में बीजेपी का दामन थामने वाले एसपी सिंह बघेल ने 2017 में टूंडला से विधानसभा चुनाव जीता. 2019 में वो आगरा से लोकसभा चुनाव जीते थे. बड़ी बात यह है एसपी सिंह बघेल और अखिलेश लोकसभा चुनाव में एक-दूसरे से लड़ चुके हैं. अब, दोनों विधानसभा चुनाव में भी आमने-सामने उतरे हुए हैं.

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करहल विधानसभा सीट पर सपा का दबदबा

करहल विधानसभा सीट बेहद खास है. यहां पर सपा को 1993 से लेकर आज तक सिर्फ 2002 में हार का सामना करना पड़ा था. मौजूदा समय में सोबरन सिंह यादव लगातार चार बार करहल से चुनाव जीते हैं. 1993 से 1996 में सपा के बाबूराम यादव ने करहल से चुनाव जीता था. 2002 में सोबरन सिंह यादव ही बीजेपी के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीते थे. सोबरन सिंह ने सपा में घर वापसी की और 2007 में साइकिल की सवारी करते हुए विधानसभा पहुंचे. 2017 में बीजेपी की लहर के बावजूद सोबरन सिंह यादव को करहल सीट से जीत हासिल हुई. अब, करहल से अखिलेश यादव मैदान में हैं.

करहल विधानसभा में मतदाताओं की संख्या

  • कुल मतदाता- 3,71,241

  • पुरुष- 2,01,394

  • महिला-1,69,851

  • थर्ड जेंडर- 16

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