UP Election 2022: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव दिन ब दिन दिलचस्प होता जा रहा है. यहां हर विधानसभा सीट की अपनी एक अलग सियासत है. आज हम बात करने जा रहे हैं मैनपुरी जिले की करहल विधानसभा सीट के बारे में जोकि समाजवादी पार्टी की परंपरागत सीट मानी जाती है, और यही कारण है कि सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव इस बार करहल से चुनाव लड़ेंगे.
साल 1993 के बाद से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार ही यहां से चुनाव जीतते आए हैं. बीजेपी ने 2002 में इस सीट पर फतह हासिल की थी. उस समय भी वर्तमान विधायक सोबरन सिंह यादव ने बीजेपी के टिकट पर जीत दर्ज की थी. इसके बाद से यहां सिर्फ समाजवादी पार्टी का ही प्रत्याशी जीतता आ रहा है.
दरअसल, यादव बाहुल्य मैनपुरी जिले में सबसे अधिक यादवों की संख्या करहल में ही है, यहां कुल मतदाताओं में 40 फीसदी यादव हैं. अन्य मतदाताओं की बात करें तो एससी 17 फीसदी, शाक्य 13 फीसदी, ठाकुर 9 फीसदी, ब्राह्मण 7 फीसदी, अल्पसंख्यक 6 फीसदी और अन्य 8 फीसदी हैं. हर बार की तरह इस बार भी सपा जातीय समीकरण बैठाने के लिए पूरी तैयारी कर चुकी है.
वहीं, दूसरी और बीजेपी ने भी इस सीट पर 2002 के आंकड़ों को दोहराने में जुटी है. अखिलेश यादव की टिकट का ऐलान होते ही बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी का कहना है कि कि अगर अखिलेश यादव को लगता है कि मैनपुरी की सीट उनके लिए सेफ है, तो उनकी यह गलतफहमी बीजेपी दूर करेगी. हालांकि यह तो चुनाव परिणाम आने के बाद ही तय होगा की सपा अपनी इस परंपरागत सीट पर जीत कायम रखती है या बीजेपी इस सीट पर अपना दम दिखाती है.
इधऱ, जेपी ‘नड्डा शुक्रवार यानी आज उत्तर प्रदेश के एक दिवसीय प्रवास पर रहेंगे, जहां वह कई संगठनात्मक बैठकें करेंगे और विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कार्यकर्ताओं और पार्टी पदाधिकारियों का मार्गदर्शन करेंगे.’ जानकारी के मुताबिक, मुताबिक नड्डा आगरा, फतेहपुर सिकरी, मथुरा और फिरोजाबाद क्षेत्र की 20 विधानसभाओं के पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. इसके बाद वह अलीगढ़, हाथरस, एटा और मैनपुरी क्षेत्र की 20 विधानसभा सीटों के पार्टी पदाधिकारियों के साथ भी एक बैठक करेंगे.