UP Election 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए चौथे चरण का मतदान 23 फरवरी को होना है. इस चरण में 9 जिलों की 59 सीटों पर 23 फरवरी को मतदान होना है. इन 9 जिलों में पीलीभीत, खीरी, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव, लखनऊ, रायबरेली, बांदा और फतेहपुर जिला शामिल हैं. इस चरण में कुल 621 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होना है. लेकिन मतदान से पहले मतदाताओं को उनके प्रत्याशियों की कुंड़ली बताना बेहद जरूरी हो जाता है.
चौथे चरण में 621 प्रत्याशियों में से 167 प्रत्याशियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. इसमें से 129 प्रत्याशियों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. पार्टियों के हिसाब से बात करें तो कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने सबसे ज्यादा दागी प्रत्याशियों को टिकट दिया है. इसमें समाजवादी पार्टी ने गंभीर आपराधिक मामलों वाले सबसे अधिक प्रत्याशियों को टिकट दिया है.
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक समाजवादी पार्टी ने आपराधिक मामले दर्ज 57 उम्मीदवारों को टिकट दिया है. इसमें 22 ऐसे उम्मीदवार हैं, जिनपर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें सबसे अधिक मामले लखनऊ मध्य की सीट से सपा प्रत्याशी और पूर्व मंत्री रविदास मेहरोत्रा पर के नाम दर्ज हैं. दरअसल, मेहरोत्रा एकमात्र ऐसे नेता हैं, जिनके नाम सबसे ज्यादा जेल जाने का रिकॉर्ड भी है.
पूर्व मंत्री रविदास मेहरोत्रा (Ravidas Mehrotra) ‘सबसे पुराने’ छात्र नेताओं में से एक हैं. दरअसल, मेहरोत्रा कोई अपराधी नहीं है, और न ही उन्होंने किसी आपराधिक घटना को अंजाम दिया है, इसके बावजूद भी वह 251 बार जेल जा चुके हैं. रविदास मेहरोत्रा ने जेपी आंदोलन के दौरान बढ़चढ़कर हिस्सा लिया. इतना ही नहीं मेहरोत्रा देश में आपातकाल के दौरान में जेल जा चुके हैं. कुल मिलाकर वह अब तक 251 से अधिक बार जेल जा चुके हैं. उन्होंने दावा किया कि मेरा जनआंदोलनों में जेल जाने का विश्व रिकार्ड है. मैं 251 बार जेल गया हूं.
एक समय छात्रों के हक के लिए लड़ने वाले 66 वर्षीय रविदास मेहरोत्रा ने अपने जीवन में कई सरकारों को आते जाते देखा है. मेहरोत्रा के नाम पर आपाधिक मामलों का ठप्पा जरूर लगा है, लेकिन नेता का अधिकतर जीवन संघर्षों के बीच ही गुजरा है, इससे बाद भी सामाजिक कार्यों के प्रति उनका जज्बा आज भी बरकरार है.
अपने ऊपर लगे आरोपों को लेकर रविदास मेहरोत्रा का कहना है कि, ‘जब वह सक्रिय राजनीति में आए, और विश्वविद्यालय के दिनों में उनके द्वारा किए गए प्रदर्शनों के दौरान कई मामले दर्ज किए गए. उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ मामले जरूर दर्ज हैं, लेकिन कोई ‘आपराधिक’ मामला नहीं है.’
रविदास मेहरोत्रा दो बार विधायक भी रह चुके हैं. हालांकि, 2017 के विधानसभा चुनाव में वह महज 2600 वोट के अंतर से हार गए थे. अभी इनपर 22 मुकदमे दर्ज हैं. रविदास मेहरोत्रा सरकार और प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शनों के मामले में अब तक 251 से अधिका बार जेल जा चुके हैं.