Varanasi News: कोरोना की तीसरी लहर के खतरे के बीच होने वाले विधानसभा चुनाव 2022 में एक बड़ी कोताही देखी जा रही है. ऐसा न हो कि खतरे को अनदेखा करने का यह नजरिया किसी बड़ी आफत को न्योता दे बैठे.
चुनावी माहौल चारों ओर सुरूर पर आ रहा है. हर दल द्वारा जनता को लुभाने का हरसम्भव प्रयास किया जा रहा है. ऐसे में कोरोना जैसी गंभीर महामारी को लेकर तय गाइडलाइंस को न मानना किसी बड़ी मुसीबत को बुलावा देने के समान है. बिल्कुल ऐसा ही नजारा देखने को मिला रोहनिया-सेवापुरी विधानसभा क्षेत्र के बिभानपुर स्थित हनुमान मंदिर के प्रांगण में. हुआ यूं कि गुरुवार को सेवापुरी विधानसभा क्षेत्र में बूथ स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा था.
इसमें समाजवादी महागठबंधन के तहत अपना दल कृष्णा गुट, सुभासपा, भागीदारी पार्टी पी सहित कुल 11 दलों के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने भाग लिया. सम्मेलन को संबोधित कर रहे मुख्य अतिथि पूर्व राज्यमंत्री सुरेंद्र सिंह ने 11 दलों को यूथ के जरिए बूथ मजबूत करने का संदेश दिया. इस बीच सभी उनकी बात बड़े गौर से सुन रहे थे. कार्यकर्ता सम्मेलन में पूरी भीड़ भरी हुई थी. मगर किसी भी व्यक्ति ने मास्क और कोरोना गाइडलाइंस का पालन नहीं किया था.
ताज्जुब की बात तो यह है कि दूसरे दलों द्वारा आयोजित रैलियों में यही लोग कोरोना के खतरों को लेकर आरोप-प्रत्यारोप लगाते देखे जाते हैं. वे बेखौफ अंदाज में चुनाव संबंधी रणनीति बनाने में मशरूफ हैं. मगर ओमिक्रोन के बढ़ते खतरों को लेकर कोई रणनीति इन्हें नहीं नजर आ रही.
रिपोर्ट : विपिन सिंह