UP Election 2022: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर में गुरुवार को प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल यादव अपनी सामाजिक परिवर्तन रथ यात्रा लेकर पहुंचे हुए थे. इस दौरान उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की केंद्र और राज्य सरकार पर खूब निशाना साधा और अपने पत्ते खोलते हुए यह संकेत दिया कि अगर अखिलेश यादव राजी हों तो वह भाजपा को हराने के लिए सपा में विलय के लिए भी तैयार हैं, लेकिन शुक्रवार को शिवपाल यादव ने चौरी-चौरा विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया, जो शिवपाल का एक नया राजनीतिक दांव माना जा रहा है.
एक तरफ शिवपाल यादव, अखिलेश यादव से गठबंधन की और विलय की बातें बोल रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ उन्होंने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के लिए गोरखपुर की चौरी चौरा विधानसभा सीट पर प्रत्याशी घोषित कर दिया है. चौरी-चौरा से अमरीश यादव को प्रसपा का उम्मीदवार घोषित किया गया है. इसकी घोषणा शिवपाल यादव ने स्वयं की.
प्रसपा प्रमुख ने पत्रकार वार्ता में कहा कि पूरे प्रदेश में आज वह एक सीट के लिए उम्मीदवार की घोषणा कर दिए हैं. इस पर जब पत्रकारों ने गठबंधन के मुद्दे पर सवाल पूछा तो उनका जवाब था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर में इसलिए सिर्फ एक सीट पर प्रत्याशी की घोषणा किए हैं ताकि उनके लोगों का सम्मान बना रहे. बाकी आठ सीटों पर प्रत्याशी बाद में तय होंगे.
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शिवपाल यादव से जब पूछा गया कि अगर सपा के साथ बात नहीं बनी तो वह किसके साथ गठबंधन करेंगे. तो इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा को हराने के लिए वह किसी भी दल से गठबंधन के लिए तैयार हैं. सपा उनकी प्रथम प्राथमिकता रहेगी. अखिलेश की तरफ से उनको आश्वासन भी मिला है. बात चल रही है और अगर बात नहीं बनी तो वह किसी एक बड़ी राष्ट्रीय पार्टी से गठबंधन करेंगे और 2022 में वह निश्चित तौर पर सरकार में शामिल होंगे.
गोरखपुर के चौरी-चौरा विधानसभा सीट फिलहाल भाजपा के पाले में है. यहां से संगीता यादव भाजपा की विधायक हैं. वहीं समाजवादी पार्टी के भी कई उम्मीदवार चुनावी मैदान में अपना ताल ठोंक रहे हैं. ऐसे में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी की तरफ से उम्मीदवार उतार देने के बाद कहीं ना कहीं सियासी रंग और बढ़ने लगा है. क्षेत्र में चर्चा है कि अगर गठबंधन हुआ भी तो यह सीट शिवपाल के पाले में चली जाएगी जिसके बाद यहां पर बागी सपा प्रत्याशी कहीं ना कहीं सपा-प्रसपा का खेल बिगाड़ने में जुट जाएंगे. जिन्हें साधना सपा-प्रसपा के लिए बड़ी चुनौती साबित होने वाली है.
फिलहाल अब लोगों की निगाहें भाजपा और बसपा पर होंगी कि वह 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में किन चेहरों को चुनावी मैदान में उतारती है.
रिपोर्ट- अभिषेक पांडेय