उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दलों की ओर से तैयारी की जा रही है. मायावती की पार्टी बसपा भी लगातार चुनावी तैयारी में जुटी हुई है. वहीं बसपा से दिग्गज नेताओं का पलायन को लेकर सियासी गलियारों में चर्चा तेज है. बताया जाता है कि मायावती की सत्ता जाने के बाद अब तक करीब 200 से अधिक छोटे और बड़े नेताओं ने पार्टी छोड़ दिया है.
हाल ही में बसपा के दिग्गज नेता राम अचल राजभर और लालजी वर्मा ने सपा का दामन थाम लिया. वहीं पिछले दिनों विधानसभा में पार्टी के नेता गुड्डू जमाली ने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि मायावती लगातार इन नेताओं के जाने से पार्टी के भीतर कोई असर नहीं पड़ने का दावा करती है.
बता दें कि बसपा संगठन में जोनल और जिला स्तर पर कॉर्डिनेटर के जिम्मे से संचालित किया जाता है और इसकी निगरानी सीधे मायावती करती है. जोनल कॉर्डिनेटर ही टिकट बंटवारे से लेकर अन्य चुनावी काम करते हैं. ऐसे में बताया जा रहा है कि जिस तरह बड़े नेता पार्टी छोड़कर जा रहा हैं, वो कहीं न कहीं बसपा के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है.
वहीं 2017 से अब तक कई ऐसे नेताओं ने बसपा का दामन छोड़ा, जो एक वक्त में मायावती के काफी करीबी माने जाते थे. इनमें स्वामी प्रसाद मौर्य, नसीमुद्दीन सिद्दीकी, दारा सिंह चौहान, राम अचल राजभर, लालजी वर्मा और गुड्डू जमाली प्रमुख है. अधिकांश नेता टिकट वितरण को लेकर विवाद के बाद पार्टी से अलग हो गए.
कपिल-आनंद कर पाएंगे कमाल- इधर, दिग्गज नेताओं के पार्टी छोड़ने के बाद मायावती और बसपा ने दो युवा नेताओं को आगे बढ़ाया है. इनमें एक पार्टी महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा के बेटे कपिल मिश्र और मायावती के भतीजे आकाश आनंद हैं. पिछले दिनों सतीश चंद्र मिश्रा ने दोनों की तस्वीर शेयर करते ट्वीट भी किया था.
वहीं कपिल मिश्र लगातार युवा नेताओं के साथ प्रदेश भर में मीटिंग कर रहे हैं, जबकि आकाश आनंद भी पार्टी के रणनीति बनाने में खासे सक्रिय हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि दिग्गज नेताओं के जाने के बाद मायावती इस बार इन दोनों युवा नेताओं पर खास भरोसा कर रही है.रिपोर्
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