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EXCLUSIVE: क्या तृणमूल कांग्रेस में शामिल होंगे ललितेश त्रिपाठी? बोले- ‘राहुल-प्रियंका का हमेशा करेंगे सम्मान’

कुछ दिन पहले ही लखीमपुर खीरी में कांग्रेस के विरोध-प्रदर्शन और वाराणसी में हुई प्रियंका गांधी की रैली में ललितेश की गैरमौजूदगी का अंतर भी साफ दिखा था. लेकिन, कांग्रेस में हुई आतंरिक चर्चाओं के अलावा ललितेश त्रिपाठी की गैरमौजूदगी से हुए नुकसान की खबर कहीं नहीं थी.

उत्पल पाठक (लखनऊ): कहते हैं राजनीति का ऊंट कब किस करवट बैठेगा, यह कह पाना मुश्किल होता है. कांग्रेस में चार पीढ़ियों तक शिखर पर रहने वाला त्रिपाठी परिवार आज उसी कांग्रेस पार्टी में नहीं है. कुछ दिन पहले ही लखीमपुर खीरी में कांग्रेस के विरोध-प्रदर्शन और वाराणसी में हुई प्रियंका गांधी की रैली में ललितेश की गैरमौजूदगी का अंतर भी साफ दिखा था. लेकिन, कांग्रेस में हुई आतंरिक चर्चाओं के अलावा ललितेश त्रिपाठी की गैरमौजूदगी से हुए नुकसान की खबर कहीं नहीं थी.

कुछ दिनों से ललितेश वाराणसी में थे. वो लगातार अपने करीबियों के संपर्क में बने हुए थे. कभी कांग्रेस का शक्ति-केंद्र रहे वाराणसी के औरंगाबाद हाउस की चौथी पीढ़ी ने शायद अब अपने राजनीतिक भविष्य का फैसला ले लिया है. कांग्रेस से मड़िहान विधानसभा के पूर्व विधायक और पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष ललितेश पति त्रिपाठी तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं.

इस बाबत प्रभात खबर को दिए गए एक विशेष साक्षात्कार में ललितेश ने बताया कि मैं अभी कोई नाम बता पाने की स्थिति में नहीं हूं. हां, इतना जरूर कह सकता हूं कि जिस भी दल में जाऊंगा, वो ऐसा दल होगा जो इन फांसीवादी ताकतों और भेदभाव करने वाली ताकतों और अराजक तत्वों से भरे माहौल बनाने वालों के खिलाफ लड़ रहा है या लड़ पाने की स्थिति में है.

जो बीत गया, वो बीत गया और अब मैं कुछ नए निर्णय लेना चाहता हूं. मेरे पूर्वजों ने सदैव जनता के हित में काम किया है और राजनीति से जुड़े होने के कारण इस प्रदेश की जनता के प्रति मेरी भी कुछ जिम्म्मेदारियां हैं. ऐसे में जो भी निर्णय लूंगा सोच समझ कर लूंगा. जहां भी जाऊंगा, उसी लगन के साथ काम करूंगा. जैसे कांग्रेस में रहते हुए मैंने काम किया था.

ललितेश त्रिपाठी

‘कांग्रेस और गांधी परिवार के लिए आज भी श्रद्धा’

एक सवाल के जवाब में ललितेश पति त्रिपाठी ने बताया कि कांग्रेस से मेरे परिवार का गहरा नाता रहा है और आज भी है. भले ही मैं अब पार्टी में नहीं हूं. लेकिन, राहुल जी, प्रियंका जी और श्रीमती सोनिया गांधी जी के प्रति मेरी श्रद्धा है और मैं उनका हमेशा सम्मान करता रहूंगा. कांग्रेस छोड़ने का दुःख मेरे लिए परिवार को छोड़ने सरीखा है और मेरे अलावा कोई भी मेरे इस दुःख को नहीं समझ सकता. मेरा इस्तीफ़ा नीतिगत था और यह लोकतांत्रिक भावना से परिपूर्ण था. लेकिन, मेरे इस्तीफे का मतलब यह नहीं है कि मैं राहुल जी या कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ वक्तव्य देने लग जाऊं.

ललितेश के करीबियों ने यह स्पष्ट किया है कि वो तृणमूल कांग्रेस में जाने के इच्छुक हैं. हाल ही में गोवा के सीएम लुईजिन्हो फलेरियो के तृणमूल कांग्रेस में जाने के बाद ललितेश की इच्छा को बल मिला है. ऐसे में अगले एक महीने के भीतर वो टीएमसी में जा सकते हैं.

प्रशांत किशोर से ललितेश की नजदीकी का लाभ?

राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर से ललितेश त्रिपाठी के मधुर सबंध हैं. प्रशांत किशोर ने भले ही अपने मूल कार्य से अल्पकालिक संन्यास लिया है. उनके संस्थान आईपैक की गोवा में टीएमसी के लिए फलेरियो को लाने में प्रमुख भूमिका रही है. बंगाल में ममता बनर्जी की जीत के बाद मजबूत विपक्ष के रूप में टीएमसी देश भर में कांग्रेस का विकल्प बन कर उभर रही है. अन्य राज्यों में पार्टी के विस्तार के क्रम में ललितेश का पार्टी में आना निश्चित रूप से यूपी की राजनीति में नए अध्याय लिखेगा.

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