UP News: उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. भारतीय जनता पार्टी की योगी आदित्यनाथ सरकार सत्ता पर एक बार फिर से काबिज होने की कोशिश में लगी हुई है. इसी कड़ी में सरकार प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को बड़ी सौगात देकर उन्हें रिझाने का प्रयास किया है.
दरअसल, प्रदेश सरकार ने सार्वजनिक उपक्रमों और महंगाई भत्ता देने का आदेश जारी किया है. इससे अब कर्मचारियों को 28 फीसदी की बढ़ी दर से डीए मिलेगा. आदेश में कहा गया है कि एक जनवरी 2016 से पुनरीक्षित वेतन मैट्रिक्स पाने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को पहली जुलाई 2021 से मूल वेतन का 28 फीसदी डीए दिया जाएगा. जबकि एक जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक की अवधि में महंगाई भत्ते की दर मूल वेतन का 17 फीसदी रहेगी.
आदेश के मुताबिक, एक जनवरी 2006 पुनरीक्षित वेतनमान पाने वाले अधिकारियों- कर्मचारियों को एक जुलाई 2021 से मूल वेतन का 189 प्रतिशत डीए मिलेगा. ये अधिकारी-कर्मचारी वे हैं, जिन्होंने वेतन समिति के प्रथम प्रतिवेदन की संस्तुतियों पर लिए गए फैसले के मुताबिक एक जनवरी 2016 से पुनरीक्षित वेतन मैट्रिक्स का चयन नहीं किया है या जिनका वेतनमान पहली जनवरी 2016 से पुनरीक्षित नहीं हुआ है. एक जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक की अवधि में डीए की दर मूल वेतन का 164 फीसदी रहेगी.
शासनादेश के मुताबिक, 11 सितंबर 2009 को जारी आदेश के अनुसार जिन अधिकारियों और कर्मचारियों के मूल वेतन के 50 फीसदी वेतन के बराबर महंगाई भत्ते को महंगाई वेतन के रूप में परिवर्तिति करने का निर्णय लिया गया है, उनके लिए डीए की दर एक जुलाई 2021 से वेतन और महंगाई वेतन का 356 प्रतिशत होगी. ऐसे कर्मचारियों के लिए एक जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक की अवधि में डीए की दर वेतन और महंगाई वेतन के योग का 312 प्रतिशत रहेगा.
11 सितंबर 2009 को जारी शासनदेश के मुताबिक, जिनके मूल वेतन के 50 फीसदी के बराबर महंगाई वेतन के रूप में बदला नहीं गया है, ऐसे कर्मचारियों को लिए एक जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक की अवधि में डीए का योग 362 फीसदी रहेगा.
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महंगाई भत्ते की बढ़ी हुई दर का लाभ सिर्फ उन्हीं सार्वजनिक उद्यमों के कार्मिकों को मिलेगा, जिनमें अतिरिक्त व्यय भार वहन करने की आंतरिक क्षमता होगी. जिन सार्वजनिक उद्यमों को बंद करने का फैसला लिया जा चुका है, उनमें काम करने वाले कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिलेगा.
Posted By: Achyut Kumar