UP Assembly Election 2022: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अगले साल विधानसभा चुनाव (Assembly Election) होने हैं. सभी पार्टियों ने जीत के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. बीजेपी (BJP) भी सूबे की सत्ता में फिर से काबिज होने के लिए पूरा जोर लगा रही है. वहीं अगर बीजेपी को विधानसभा चुनाव 2022 (Assembly Election 2022) में जीत मिलती है तो उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री (Chief Minister of Uttar Pradesh) कौन होगा, योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) या फिर कोई और? जब इसका जवाब डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ( Deputy CM Keshav Prasad Maurya)से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इसका फैसला केद्रीय नेतृत्व और पार्टी के निर्वाचित विधायक करेगे. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव सीएम योगी के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा.
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि, जब सरकार नहीं होती तो स्वाभाविक रूप से लोग मानने लगते हैं कि जो अध्यक्ष होगा वही सरकार बनने पर मुख्यमंत्री बनेगा, लेकिन वर्तमान में योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री हैं. हम भी मान रहे हैं और बाकी भी सभी मान रहे हैं कि 2022 के जब परिणाम आएंगे तो योगी ही मुख्यमंत्री होंगे, लेकिन यह मेरे द्वारा नहीं कहा जा सकता है. यूपी का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसका फैसला केंद्रीय नेतृत्व, केंद्रीय संसदीय बोर्ड, केंद्रीय पर्यवेक्षक और विधायक दल करेगा.
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डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में 2024 के लोकसभा चुनाव की लड़ाई होने वाली है क्योंकि दिल्ली का रास्ता यूपी से होकर जाता है. उन्होंने दाव किया कि 2017 की तरह 2022 में भी चुनाव परिणाम बीजेपी के पक्ष में आएगा. डिप्टी सीएम ने 2022 में अपनी भूमिका को लेकर कहा कि वह इस समय अध्यक्ष नहीं हैं, लेकिन उनका दायित्व अध्यक्ष से कम नहीं रहेगा.उन्होंने कहा कि बीजेपी की टीम 2017 की तुलना में ज्यादा समर्थ है.
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डिप्टी सीएम में कहा कि बीजेपी 2022 में 300 से ज्यादा सीटें जीतेगी.इस आंकड़े को पार करने में कोई संशय दिखाई नहीं देता. 2022 के चुनाव में बीजेपी का हर एक कार्यकर्ता पूरे जी जान से लड़ेगा और पार्टी को जिताएगा. उन्होंने कहा कि जैसे जनता ने हमें 2014, 2017 और 2019 में आशीर्वाद दिया, उसी तरह 2022 में भी वह किसी विपक्षी दल के बहकावे में आए बगैर फैसला करेगी.
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में पिछड़ी जातियां 55 प्रतिशत हैं. इस समुदाय को उपेक्षित छोड़कर राजनीति करना या यूपी में काम करना असंभव है. 2014 से लेकर अब तक बीजेपी ने जितने भी चुनाव जीते हैं, उनमें सबसे बड़ा योगदान पिछड़े वर्ग का रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पिछड़े वर्ग से ही आते हैं. बीजेपी लगातार सामाजिक उत्थान और सामाजिक समरसता की दृष्टि से सोचती है और काम करती है.
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने ब्राह्मणों के बीजेपी से नाराजगी के सवाल पर कहा कि कोई भी वर्ग हमसे नाराज नहीं है. उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि 2017 में जिन दलों को विपक्ष में रहकर जनता की सेवा का उत्तरदायित्व मिला था, वह अपना उत्तरदायित्व भूल गये थे. चुनावी मौसम आते ही वे सक्रिय हो जाते हैं. बीजेपी जितनी ताकतवर 2017 में थी, उससे ज्यादा ताकतवर 2022 में होगी.
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बता दें, यूपी विधानसभा चुनाव 2017 (UP Assembly Election 2017) के समय केशव प्रसाद मौर्य बीजेपी के अध्यक्ष थे. उनकी अगुवाई में बीजेपी को 403 सीटों में से 312 और सहयोगी दलों को 13 सीटें मिली थीं. इस बहुमत के बाद केशव प्रसाद मौर्य को मुख्यमंत्री बनाये जाने की अटकलें लगाई जाने लगीं थीं, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री और उन्हें उप मुख्यमंत्री बनाया. केशव प्रसाद मौर्य पिछड़ी जाति के बीजेपी के सबसे प्रमुख चेहरे हैं.
Posted by: Achyut Kumar