Kanpur Accident News: कानपुर के कोरथा गांव में चारों ओर मातम पसरा हुआ है. कानपुर में हुए भीषण सड़क हादसे में जान गंवाने वाले बच्चों और औरतों के शव देखकर सभी भावुक हो गए हैं. जनप्रतिनिधियों की भीड़ उमड़ी हुई है. चारों ओर चीख-पुकार का शोर सुनाई दे रहा है. कानपुर के इतिहास में अब तक के सबसे बड़े हादसे की भयावहता ने सबको सकते में डाल दिया है. रविवार की दोपहर एक साथ 26 शवों का अंतिम संस्कार किया गया. बच्चों के शवों को दफनाया गया जबकि अन्य के पार्थिव शरीर आग के हवाले कर दिए गए. वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ कानपुर के हैलट अस्पताल पहुंचे. वे हादसे में घायल मरीजों का हालचाल पूछने पहुंचे थे.
कानपुर के ड्योढ़ी घाट पर शवों का अंतिम संस्कार किया गया. इस बीच विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, मंत्री राकेश सचान, सांसद देवेंद्र सिंह भोले सहित कई विधायक घाट पर मौजूद हैं. पुलिस और प्रशासन के बड़े अधिकारी भी मौके पर तैनात हैं. वहीं, हैलट अस्पताल में भर्ती छह घायलों का हालचाल लेने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ पहुंचे. बलरामपुर दौरा रद करके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी कानपुर पहुंचे. उनका हेलीकाप्टर पुलिस लाइन के हेलीपैड पर उतरा. उनके साथ डीजीपी डीएस चौहान और प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद भी हैं. यहां से वे एलएलआर अस्पताल पहुंचे और घायलों को हालचाल लिया. इसके बाद वे कोरथा गांव के लिए रवाना हो गए. विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, मंत्री अजीत पाल, राकेश सचान समेत भाजपा नेता और प्रशासनिक अफसर मौजूद हैं.
Also Read: Kanpur Accident: शराब और तेज रफ्तार ने ली 26 की जान, बच्चे का पिता ही चला रहा था ट्रैक्टर, अब भी है फरारदरअसल, शनिवार की रात हादसे के बाद रविवार की सुबह से कोरथा गांव में हाहाकार मचा नजर आ रहा था. 250 घरों वाले गांव में हर व्यक्ति बदहवास नजर आया. सभी उस पल की बात कर रहे थे जब चंद्रिका देवी मंदिर से लौटते समय यह हादसा हो गया. ट्रैक्टर ट्रॉली पानी से भरी खाई में क्या पलटी और 26 लोगों की जिंदगी पल भर में चली गई. 13 बच्चों की मौत ने पूरे देश को सकते में डाल दिया है. ड्योढ़ी घाट पर 13 लोगों का अग्नि देकर हुआ अंतिम संस्कार. वहीं, 13 बच्चों को दफनाया गया.
Also Read: Kanpur: कोरथा गांव में पसरा सन्नाटा, दो बेटी के बाद मांगी थी बेटे की मन्नत, कराने गए थे मुंडन संस्कारहादसे के बाद से गांव में चारों तरफ मातम पसरा हुआ है. हर किसी के दरवाजे पर महिलाएं सिसकियां भर रही हैं, पुरुष भी अपने आंसू रोक नहीं सके. एक भी घर में अभी तक चूल्हा नहीं जला. सुबह 4:30 बजे से एक-एक करके भीतर गांव सीएचसी से शवों को कोरथा गांव भेजने का सिलसिला जारी हो गया. गांव में शव पहुंचते ही चीख पुकार मच गई है जैसे-जैसे सभी शव पहुंचते गए तो पूरा गांव मातम में डूब गया. किसी की पत्नी की हादसे में मौत हो गई तो किसी ने अपने घर के इकलौते चिराग को खो दिया. किसी का पूरा परिवार ही उजड़ गया. हर तरफ गम, गुस्सा और चीख पुकार मची हुई थी. हर कोई अपने के बिछड़ने की बात को विश्वास नहीं कर पा रहा था. कोई लिपट कर रोता दिखा तो कोई तो कोई यह कह रहा था कि बेटा एक बार आंख खोल दो बस.अम्मा देखो इंतजार कर रही है. हम लोग दशहरा मेला देखने चलेंगे.
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