11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

UP: बरेली में सार्वजनिक स्थानों का पानी पीने से हो रही बीमारियां, सैंपल में मिले 363 घातक बैक्टीरिया

Bareilly News: बरेली के सार्वजनिक स्थानों का पानी पीने लायक नहीं है. यह दावा भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) की एपिडेमियोलॉजी की जांच में हुआ है.

Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली के सार्वजनिक स्थानों का पानी पीने लायक नहीं है. यह दावा भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई)की एपिडेमियोलॉजी की जांच में हुआ है.आईवीआरआई के एपिडेमियोलॉजी विभाग के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. भोजराज सिंह का माइक्रोबायोलॉजी एक्टा साइंटिफिक जनरल 2022 में शोध प्रकाशित हुआ है.

इस शोध के मुताबिक मार्च और अप्रैल 2019 में बरेली शहर के सार्वजनिक स्थानों और तालाब से पानी के 111 सैंपल लिए गए थे. इन सैंपल की जांच 2021 के आखिर तक चली.इस जांच में पेयजल में बैक्टीरिया मिले हैं.उन पर एंटीबायोटिक का प्रभाव मानव स्वास्थ्य को प्रभावित आदि पर शोध किया गया.

जांच रिपोर्ट के मुताबिक 36 सैंपल में से 20 अधोमानक थे.उच्च क्वालिफार्म काउंट वाले 33 फीसद सैंपल में ई- कोलाई, तीन में सुपरबग पाए गए.पानी तो छोड़िए 23 टोटियों की जांच में 12 सुपरबग मौजूद थे. तालाब के पानी के 45 में से 20 में सुपरबग रहे.जांच के दौरान 111 सैंपल में 363 बैक्टीरिया मिले हैं.इन 70 फीसद बैक्टीरिया पर दवाएं बेअसर रहीं. उन्हें सुपरबग नाम दिया गया है.

– नल की टोटी पर हाथ रखकर पानी पीना घटक

डॉ.भोजराज सिंह के मुताबिक पानी से ज्यादा घातक नल की टोटी पर हाथ रखकर पानी पीना है. क्योंकि, पानी में बैक्टीरिया मिलने पर मौजूदएंटीबायोटिक दवाएं, इमिपैनम, मोरीपैनम और का ग्रुप बेअसर पाया गया.

यहां से लिए थे सैंपल

जांच टीम ने पानी की जांच के लिए शहर के डोहरा रोड, आकाश पुरम, अक्षर बिहार समेत कई कॉलोनियों और ग्रामीण इलाकों से सैपल लिए थे. इसी तरह रेलवे स्टेशन रोडवेज का पुराना बस अड्डा, सेटेलाइट, कचहरी, बाजारों में लगे सार्वजनिक स्थानों के वाटर बूथों से पानी के सैंपल लिए गए. इनमें नल की टोटियोंयों के ऊपर और नालियों के पानी के सैंपल भी शामिल हैं. जांच टीम की रिपोर्ट के मुताबिक कुल 111 सैंपल में 45 सैंपल तालाब,36 वाटर कूलर, 23 टोंटी और सात नाली से लिए गए थे.इनमें 363 तरह के बैक्टीरिया मिले.

यह होती हैं बीमारियां

स्योडोमोमास बैक्टीरिया से फेफड़ों, घाव,किडनी रोग होते हैं. ई -कोलाई से डायरिया, किडनी रोग, ऐरोमोनास से उल्टी दस्त, क्लेबसिल्ला से निमोनिया, डायरिया, स्टेटफाइलोंकाकस से फोड़े फुंसी, घाव, विबेरियों से हैजा और एडवर्डसिएला घाव में सड़न, मछलियों में जलन जैसी समस्या होती है.

रिपोर्ट: मुहम्मद साजिद

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें