UP Election Dates Announcement: चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के साथ ही प्रदेश में कई चीजों पर प्रतिबंध लग गया है. इसके तहत सबसे पहले अधिकारियों के तबादले पर रोक लगने के साथ ही प्रदेश में 15 जनवरी तक किसी भी तरह की रैली और पदयात्रा पर रोक लगा दी गई है. इसके अलावा अधिसूचना के तहत प्रदेश भर की सुरक्षा व्यवस्था एवं सरकारी कार्यप्रणाली पर पाबंदियां लग जाती हैं.
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ऐसा पहली बार हो रहा है कि प्रदेश में चुनाव प्रचार पर ब्रेक लग गया है. 15 जनवरी तक यूपी में किसी भी प्रकार की रैली, पदयात्रा आदि पर पाबंदी लगा दिया गया है.
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डोर टू डोर कैम्पेनिंग के लिए राजनीतिक दलों को मात्र पांच लोगों की मंजूरी दी गई है.
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सरकारी अफसरों का तबादला अब चुनाव प्रक्रिया संपन्न होने तक बंद रहेगी. हालांकि, विशेष परिस्थितियों में चुनाव आयोग इसका निर्णय ले सकता है.
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राज्यों और केंद्र सरकार के कर्मचारी चुनावी प्रक्रिया पूरी होने तक सरकार के नहीं, चुनाव आयोग के कर्मचारी की तरह काम करते हैं.
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प्रदेश में चुनावी रैलियों और पदयात्राओं पर पाबंदी लगा दी जाएगी. कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए भी चुनाव आयोग इसमें कोई छूट नहीं देने वाला.
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किसी तरह की लोक-लुभावनी योजना की घोषणा नहीं की जा सकती है. प्रदेश सरकार भी अब किसी भी तरह की घोषणा को चुनाव आयोग की मुहर के बिना घोषित नहीं कर सकती है.
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किसी भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार को ध्वजदंड बनाने, ध्वज टांगने, सूचनाएं चिपकाने और नारे लिखने आदि के लिये किसी भी व्यक्ति को भूमि, भवन, अहाते, दीवार आदि का उसकी अनुमति के बिना उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जा सकती.
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चुनाव के दौरान धार्मिक स्थलों का प्रयोग नहीं होगा. वोट पाने के लिए कोई भी दल या उम्मीदवार किसी जाति या धर्म का सहारा नहीं लेगा.
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रात 8 बजे से सुबह 8 बजे तक लाऊडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. मतदान होने के 48 घंटे पहले किसी भी तरह का प्रचार नहीं किया जा सकता.
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सभी तरह की सरकारी घोषणाएं, लोकार्पण, शिलान्यास या भूमिपूजन के कार्यक्रम नहीं किए जा सकते हैं.
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चुनाव के दौरान धार्मिक स्थलों का प्रयोग नहीं होगा. वोट पाने के लिए कोई भी दल या उम्मीदवार किसी जाति या धर्म का सहारा नहीं लेगा.
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सार्वजनिक धन का इस्तेमाल किसी ऐसे आयोजन में नहीं किया जा सकता जिससे किसी विशेष दल को फ़ायदा पहुंचता हों.