Lucknow News: योगी आदित्यनाथ और उनकी नई कैबिनेट के शपथ ग्रहण से पहले सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर एक बार फिर सवालिया निशान लगा दिया है. पूर्व सीएम ने अपर ज़िला जज मनोज कुमार शुक्ला के मामले में तुरंत न्यायिक संज्ञान लेने की मांग की है.
उप्र में हो रहे अन्याय के ख़िलाफ़ अपर ज़िला जज श्री मनोज कुमार शुक्ला के मामले का तुरंत न्यायिक संज्ञान लिया जाए। जब न्यायालय से जुड़े व्यक्तियों के साथ ऐसा हो रहा है तो आम जनता के साथ क्या होगा। ये बदहाल क़ानून-व्यवस्था का निकृष्टतम उदाहरण है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 25, 2022
जनता को जस्टिस चाहिए जेसीबी नहीं! pic.twitter.com/ZcXZMg7sKU
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा, ‘उप्र में हो रहे अन्याय के खिलाफ अपर जिला जज मनोज कुमार शुक्ला के मामले का तुरंत न्यायिक संज्ञान लिया जाए. जब न्यायालय से जुड़े व्यक्तियों के साथ ऐसा हो रहा है तो आम जनता के साथ क्या होगा. ये बदहाल कानून-व्यवस्था का निकृष्टतम उदाहरण है. जनता को जस्टिस चाहिए जेसीबी नहीं!
अखिलेश यादव ने एक और ट्वीट शेयर करते हुए योगी सरकार पर तंज कसा है. दरअसल, एक ट्वीट में सपा नेता अंशुमान सिंह ने कई तस्वीरें साझा करते हुए लिखा है, ‘लखनऊ मेगा इवेंट के लिए तैयार है. मैं नई सरकार को सलाह देता हूं कि जहां शपथ ग्रहण स्थल के चारों ओर अच्छे से देख लें. इसके आस-पास एचसीएल, स्पोर्ट्स सिटी, पालासिओ मॉल, सीजी सिटी, कैंसर हॉस्पिटल, संस्कृति स्कूल, डायल 100, पुलिस हेडक्वॉर्टर, अवध शिल्पग्राम, मेदांता और अमूल प्लांट है. इकाना स्टेडियम भी उन शानदार कामों में शामिल है, जिन्हें अखिलेश यादव के कार्यकाल में निर्मित किया गया.’
Also Read: Yogi 2.0: योगी के ‘शपथ ग्रहण समारोह’ में आज साधु-संतों का लगेगा मेला, काशी के विद्वान भी बनेंगे साक्षीबता दें कि, यूपी विधानसभा चुनाव 2022 की कुल 403 सीटों में से बीजेपी ने 255 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि भाजपा के सहयोगी- अपना दल (सोनेलाल) को 12 सीट पर जीत मिली है तो वहीं निषाद पार्टी को 6 सीटों पर जीत मिली है. वहीं दूसरी सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की पार्टी को 111 सीटें मिली हैं. सपा के सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल को 8 और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को 6 सीटों पर जीत मिली है. इसके अलावा कांग्रेस को दो सीट, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक को दो सीट और बहुजन समाज पार्टी को एक सीट पर ही संतोष करना पड़ा है.