Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश विधानसभा 2022 और एमएलसी चुनाव में करारी हार के बाद समाजवादी पार्टी बड़े संगठनात्मक फेरबदल की तैयारी में लगी हुई है. प्रदेश से लेकर जिला स्तर पर संगठन में नए और संघर्षशील चेहरों को तवज्जो दी जाएगी. पार्टी ऐसे लोगों को जिले की कमान सौंपेगी, जिनकी छवि साफ होने के साथ ही जुझारू होगी. इस मुद्दे पर शीर्ष नेतृत्व एक-एक जिले की स्थिति पर मंथन कर रहा है. बदलाव को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पहले ही ऐलान किया था. यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा था कि वे ईद के बाद पार्टी को मिली हार को लेकर समीक्षा करेंगे.
पार्टी सूत्रों का कहना है कि पहले फ्रंटल संगठनों की कमेटियों को भंग कर नए सिरे से गठन होगा. इसके बाद मुख्य कमेटी में भी बदलाव होंगे. शीर्ष नेतृत्व की रणनीति है कि लंबे समय से पार्टी में संघर्षशील रहने वाले युवाओं को आगे किया जाए. ताकि वे जनहित के मुद्दे को धमाकेदार तरीके से उठा सकें. पार्टी सूत्रों का कहना है कि अब जिलों में पुराने पैटर्न पर जिलाध्यक्षों का मनोनयन नहीं होगा. जिले की कमान सौंपने से पहले उसकी नेतृत्व क्षमता का आकलन किया जाएगा.
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साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में सपा को 125 सीटें मिली थीं. हालांकि, यह उनकी हार नहीं जीत के तौर पर देखी गई क्योंकि साल 2017 के चुनाव में सपा को मात्र 47 सीटें मिली थीं. वहीं, प्रदेश में सत्ता पाने में कामयाब रहने वाली भाजपा एवं उसके सहयोगी दलों को कुल 273 सीट मिली हैं. खैर, 2022 के महासमर में इतनी सीटें पाने के बाद सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव विधानसभा में मुख्य मुख्य विपक्षी नेता बने. अब वे प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की हर गलती को उजागर करने का जिम्मा संभाल रहे हैं. मगर इस चुनाव में पार्टी को पूरी उम्मीद थी कि वह सरकार बनाएगी. इसे लेकर समीक्षा बैठक की बात की जाने लगी. इसी क्रम में सपा सुप्रीमो ने ऐलान किया है कि ईद के बाद पार्टी इस मसले पर समीक्षा बैठक करेगी.