Lucknow News: मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव (Mainpuri By-Election) को लेकर सैफई कुनबे में चाचा भतीजे के एक होने के बीच जिस तरह से योगी सरकार (Yogi Government) ने शिवपाल यादव (Shivpal Singh Yadav) की सुरक्षा में कटौती की है, उसे लेकर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party)ने कड़ी नाराजगी जताते हुए इस फैसले पर विरोध जताया है. पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने इसकी कड़ी आलोचना की है. वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के शिवपाल यादव को पेंडुलम (Pendulum) बताने पर भी पलटवार किया है.
अखिलेश यादव ने कहा कि चाचा पेंडुलम नहीं हैं, वो ऐसा झूला झुलाएंगे पता नहीं चलेगा कहां गए. मुख्यमंत्री जी जान ही नहीं पा रहे हैं, वो चाचा को समझ ही नहीं पा रहे. अखिलेश यादव ने सोमवार रात अपने ट्वीट में कहा कि माननीय शिवपाल सिंह यादव की सुरक्षा श्रेणी को कम करना आपत्तिजनक है. साथ ही ये भी कहना है कि पेंडुलम समय के गतिमान होने का प्रतीक है और वो सबके समय को बदलने का संकेत भी देता है और ये भी कहता है कि ऐसा कुछ भी स्थिर नहीं है जिस पर अहंकार किया जाए.
दरअसल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को मैनपुरी में आयोजित जनसभा में शिवपाल यादव पर कटाक्ष करते हए कहा कि उनकी स्थिति एक पेंडुलम जैसी है, बेचारे को पिछली बार कितना बेइज्जत करके भेजा था. कुर्सी तक नहीं मिली, उसके हैंडल में बैठना पड़ा था. पेंडुलम का कोई लक्ष्य नहीं होता है.
सीएम योगी ने अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट फीफा का जिक्र करते हुए फुटबॉल से शिवपाल यादव की तुलना की. उन्होंने कहा कि जब भी आदमी फुटबॉल बनता है, तो एक किक मारता है तो दूसरा दूसरी तरफ से मारता है. उस आदमी की स्थिति सिर्फ नाचने की होती है. सीएम ने कहा कि कुछ लोग फुटबॉल बन गए थे. उनकी कोई गति ही नहीं है. सीएम के इस कटाक्ष के बाद अखिलेश यादव चाचा के बचाव में उतर आए.
वहीं प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने शिवपाल यादव की सुरक्षा में कटौती पर कहा कि चाचा भतीजे में जब झगड़ा था तब उनकी सुरक्षा थी और अब जब दोनों एक हो गए हैं तो जनता की सुरक्षा खतरे में ना पड़े, इसलिए जरूरत के हिसाब से सुरक्षा दी गई है.
अपनी सिक्योरिटी कम किए जाने पर शिवपाल यादव ने कहा कि उन्हें बीजेपी के लोगों से यही अपेक्षा थी. हमारी सुरक्षा जनता करेगी, हमारे समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता करेंगे. सुरक्षा कम किये जाने को लेकर कोई मलाल नहीं है.
शिवपाल यादव के बेटे और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के प्रदेश अध्यक्ष आदित्य यादव ने कहा कि इसके पीछे बीजेपी का यही मतलब है कि कहीं न कहीं उनको अखिलेश यादव व शिवपाल यादव के एक होने का डर है और बदहवासी भी. पहले बीजेपी को लगा था कि मैनपुरी उपचुनाव को आसानी से जीत लेंगे. लेकिन, अखिलेश और शिवपाल के एक साथ होने और जनता का उत्साह देखकर भाजपा अचरज में हैं. आदित्य यादव ने कहा कि हम सभी को यह पहले से आभास था की ऐसा सरकार करेगी, इसमें अचरज होने की वाली कोई बात नहीं है.
शिवपाल यादव को बीते 10 सालों से जेड श्रेणी की सुरक्षा हासिल थी. पहले समाजवादी पार्टी सरकार में बतौर मंत्री शिवपाल को यह सुरक्षा दी गई थी. जनवरी 2017 में शिवपाल और अखिलेश के बीच मतभेद हुआ, चुनाव में समाज पार्टी की हार हुई और फिर शिवपाल समाजवादी पार्टी से अलग हो गए. उन्होंने अपनी नई पार्टी बना ली. बाद में मई 2017 में योगी सरकार ने शिवपाल को जेड श्रेणी की सुरक्षा बहाल कर दी.
इतना ही नहीं उनको लखनऊ के माल एवेन्यू क्षेत्र में बड़ा कार्यालय भी आवंटित किया गया था. ये बंगला इससे पहले बसपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का ऑफिस हुआ करता था. तब कयास लगाये जा रहे थे कि योगी सरकार इन निर्णयों से शिवपाल यादव को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है. हालांकि ऐसा नहीं हुआ, वहीं अब सैफई कुनबे के एक होने के तुरंत बाद सरकार का ये कदम सपा को रास नहीं आ रहा है.