Allahabad High Court News: इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने कहा है कि गाय (Cow) को राष्ट्रीय पशु (National Animal) घोषित किया जाना चाहिए. गाय भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है. गाय की पूजा होगी तभी देश समृद्धि होगा. कोर्ट ने यह टिप्पणी जावेद नाम के एक शख्स को जमानत देने से इनकार करते हुए की. कोर्ट ने कहा कि अगर जमानत दी जाती है तो यह बड़े पैमाने पर समाज के सद्भाव को ‘खराब’ कर सकता है.
बता दें, जावेद पर उत्तर प्रदेश में गोहत्या रोकथाम अधिनियम (Prevention of Cow Slaughter Act) की धारा 3, 5 और 8 के तहत आरोप लगाए गए हैं. कोर्ट ने उसे जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि पूरी दुनिया में भारत ही एक ऐसा देश है, जहां अलग-अलग धर्म के लोग रहते हैं, जो अलग-अलग पूजा कर सकते हैं, लेकिन देश के लिए उनकी सोच एक जैसी है.
कोर्ट ने कहा, जब हर कोई भारत को एकजुट करने और उसकी आस्था का समर्थन करने के लिए एक कदम आगे बढ़ता है तो कुछ लोग जिनकी आस्था और विश्वास देश के हित में बिल्कुल नहीं है, वे देश में इस तरह की बात करके ही देश को कमजोर करते हैं. उपरोक्त परिस्थितियों को देखते हुए प्रथम दृष्टया आवेदक के खिलाफ अपराध साबित होता है.
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जस्टिस शेखर कुमार यादव ने कहा कि गाय को मौलिक अधिकार देने और गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के लिए सरकार को संसद में एक विधेयक लाना चाहिए. साथ ही गाय को नुकसान पहुंचाने की बात करने वालों को दंडित करने के लिए सख्त कानून बनाना चाहिए.
कोर्ट ने कहा कि गोरक्षा का कार्य केवल एक धर्म संप्रदाय का नहीं है, बल्कि गाय भारत की संस्कृति है और संस्कृति को बचाने का कार्य देश में रहने वाले प्रत्येक नागरिक का है, चाहे वह किसी भी धर्म का हो. जब गाय का कल्याण होगा, तभी देश का कल्याण होगा.
Posted by : Achyut Kumar