April Month Festivals 2022: एक अप्रैल से चैत्र मास की शुरुआत हो रही है. यह हिंदू नववर्ष का पहला महीना होता है. इसी महीने से ग्रीष्म ऋतु की शुरुआत होती है. अप्रैल महीने में चैत्र नवरात्रि, रामनवमी, महावीर जयंती, बैसाखी, रमजान, हनुमान जयंती, गुड़ी पड़वा जैसे त्योहार भी मनाए जाएंगे.
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एक अप्रैल- हिंदू नववर्ष का आरंभ
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दो अप्रैल- चैत्र नवरात्रि की शुरआत
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दो अप्रैल- गुड़ी पड़वा
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तीन अप्रैल- माह-ए-रमजान की शुरुआत
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तीन अप्रैल- झूलेलाल जयंती
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चार अप्रैल- मत्स्य जयंती
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चार अप्रैल- सरहुल पर्व
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सात अप्रैल- चैती छठ
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10 अप्रैल- रामनवमी
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13 अप्रैल- महावीर जयंती
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14 अप्रैल- बैसाखी
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14 अप्रैल- सतुआनी
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15 अप्रैल- गुड फ्राइडे
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16 अप्रैल- हनुमान जयंती
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17 अप्रैल- ईस्टर संडे
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दो अप्रैल से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो रही है. रामनवमी 10 अप्रैल को मनायी जाएगी. इस दिन रात 12 बजकर 8 मिनट तक नवमी है. इसके अलावा, सुकर्मा योग और श्री वत्स्य योग भी है. इस कारण इस तिथि की महत्ता और बढ़ गई है. इसी दिन भगवान विष्णु का जन्म हुआ था. इसी दिन मानस जयंती का उत्सव भी मनाया जाता है. 11 अप्रैल को दशमी है. इसी दिन नवरात्रि का समापन हो जाएगा. चैत्र नवरात्रि को वासंतिक नवरात्रि भी कहा जाता है.
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दो अप्रैल को गुड़ी पड़वा मनाया जाएगा. इसे महाराष्ट्र में नये साल और नयी फसल की शुरुआत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है. साथ ही, पौराणिक कथाओं में यह रावण पर भगवान राम की जीत, 14 साल के वनवास के बाद उनके राज्याभिषेक और भगवान राम ने बालि कर दक्षिण भारत के लोगों को उसके आतंक से मुक्त करवाने जैसे प्रतीक के रूप में मनाया जाता है.
चार अप्रैल को मत्स्य जयंती है. ऐसा माना जाता है कि सतयुग में भगवान विष्णु ने चैत्र शुक्ला तृतीया को अपना पहला अवतार मत्स्य के रूप में लिया था. यह अवतार सृष्टि की रक्षा के लिए लिया गया था. चैत्र शुक्ल पक्ष तृतीय को ही मत्स्य जयंती मनायी जाती है. इसी दिन मारवाड़ी समाज की महिलाओं का गणगौर तीज भी मनाया जाता है.
बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश के साथ-साथ पूरे देश में पूर्वांचल संकृति के लोग छठ पर्व को धूमधाम से मनाते हैं. नेपाल के तराई इलाके में भी छठ का उल्लास रहता है. यह पर्व नवरात्रि की तर्ज पर वर्ष में दो बार मनाया जाता है. एक चैत्र माह और दूसरा कार्तिक माह में. इस वर्ष पांच अप्रैलको नहाय खाय के साथ छठ पर्व की शुरुआत होगी. सात अप्रैल को अस्ताचलगामी और आठ अप्रैल को उगते सूर्य को अर्ध देने के साथ ही यह महापर्व सम्पन्न हो जाएगा. मान्यता है कि छठ पर्व में सूर्योपासना करने से छठ माई प्रसन्न होती हैं और परिवार को सुख- शांति धन-धान्य से सम्पन्न करती हैं.
तीन अप्रैल से माह-ए-रमजान शुरू होने की संभावना है. इसको लेकर तैयारी शुरू हो गई है. कहां कितने दिनों का तरावी होगा और कौन हाफिज व कारी इसे पढ़ायेंगे, यह तय कर लिया गया है. माह-ए-रमजान इस्लामी कैलेंडर का नौवां महीना है. इसमें रोजा रखने का महत्व है. इसी महीने में कुरान नाजिल किया गया था.
बैसाखी 14 अप्रैल को मनायी जाएगी. इस दिन को सौर नव वर्ष की शुरुआत के रूप में भी जाना जाता है. इस दिन लोग अनाज की पूजा करते हैं और फरल के कटकर घर आ जाने की खुशी में भगवान और प्रकृति का धन्यवाद करते हैं. इसे असम में बिहू, बंगाल में नबा वर्षा, केरल में पुरम विशु के नाम से मनाया जाता है.
ईसाई समाज में गुड फ्राइडे का खास स्थान है. इस दिन ईसा मसीह ने सलीब पर अपने प्राण त्यागे थे. गुड फ्राइडे के दिन ईसाई धर्म के मानने वाले लोग गिरिजाघर यानी चर्च जाकर प्रभु यीशू को याद करते हैं. इस दिन चर्च में घंटा नहीं बजाया जाता है.
13 अप्रैल को जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्म उत्सव मनाया जाता है. जैन धर्म में तीर्थांकर का अभिप्राय उन 24 दिव्य महापुरुषों से हैं, जिन्होंने अपनी तपस्या से आत्मज्ञान को प्राप्त किया था. अपनी इंद्रियों और भावनाओं पर पूरी तरह से विजय प्राप्त की.
16 अप्रैल को हनुमान जयंती मनायी जाएगी. चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जी का जन्म हुआ था. मान्यता है कि इस दिन हनुमान चालीसा का पाठ करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है.