Lucknow: पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की शख्सियत, उनके विचार, उनकी कविताएं, उनके ओज पूर्ण भाषण, उनकी वाकपटुता…एक इंसान के अंदर इतने गुण कि उनको परिभाषित करना मुश्किल हो जाए. भारत देश के लिये अटल जी अनमोल थे. उनकी स्मृतियां अनमोल हैं. उनकी कर्मभूमि लखनऊ और जन्मभूमि बटेश्वर को आज इसीलिये याद किया जाता है कि वहां से अटल जी का जुड़ाव था, लगाव था.
अटल जी की जन्मभूमि बटेश्वर की बात करें तो यह एक धर्मस्थल के रूम में जाना जाता है. आगरा में बाह से 12 किलोमीटर की दूरी पर यमुना नदी के किनारे बटेश्वर है. इसे ही अटल जी की जन्मस्थली के रूप में जाना जाता है. कहा जाता है कि बटेश्वर कृष्ण भगवान के पूर्वज राजा सूरसेन की राजधानी थी. यहां बाबा भोलेनाथ का मंदिर भी है.
यूपी सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मस्थली को एक बड़े पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना बनायी है. सरकार यहां पर अटल जी के नाम से एक भव्य स्मारक का निर्माण कराएगी. इसके लिये बजट भी स्वीकृत हो गया है. इस स्मारक में अटल जी से जुड़ी स्मृतियों को संजोया जाएगा.
प्रदेश सरकार ने कुछ माह पहले ही बटेश्वर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिये लगभग 70 करोड़ रुपये की योजनाएं स्वीकृत की हैं. यहां 8.32 करोड़ रुपये से अटल स्मारक बनेगा. इस स्मारक में अटल जी की विशाल प्रतिमा लगेगी. एक संग्रहालय और गैलरी का निर्माण होगा. जिसमें अटल जी के वक्तव्यों, कलाकृतियों व चित्रों को संजोया जाएगा. लोग इसे देख भी सकेंगे.
बटेश्वर में 12.23 करोड़ रुपये की लागत से अटल बिहारी वाजपेयी सांस्कृतिक कांप्लेक्स का निर्माण चल रहा है. इसके अलावा यहां जैन तीर्थ शौरीपुर का विकास भी किया जाएगा. इस मद में लगभग 2.75 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसके अलावा यमुना के किनारे घाटों को भी विकसित किया जाएगा. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने चार स्थानों आगरा के बटेश्वर के अलावा कानपुर, लखनऊ और बलरामपुर में स्मारक बनाने की घोषणा की थी.