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Ayodhya Deepotsav: अयोध्‍या के दीपोत्सव में दिव्य द‍िखेंगे रामलला, फूलों से सजा राम दरबार

सजावट के लिए बाहर से आये कारीगर लगातार काम कर रहे हैं, जिसमे मथुरा, सीतापुर आदि जगहों से विशेष कारीगरों का दल बुलाया गया है. इस फूलों की सजावट के काम का जिम्मा लेने वाले बालकृष्ण सैनी ने बताया कि भगवान रामलला स्थान का सजावट करने के लिए इन फूलों को बाहर से मंगवाया गया है.

Ayodhya Deepotsav: योगी सरकार के द्व‍ितीय कार्यकाल में आज में इस बार का अयोध्या दीपोत्सव भव्य होने जा रहा है. इस बार अयोध्या में प्रधानमंत्री मोदी भी मौजूद होंगे. दीपोत्सव को लेकर श्रीरामजन्मभूमि और भगवान रामलला का जन्मस्थान इस बार अप्रतिम सौंदर्य की छटा बिखेरेगा. दीपोत्सव के लिए श्री रामजन्मभूमि पर फूलों की विशेष सजावट की गई है. देशी के साथ विदेशी फूलों से भी सजावट की जा रही है.

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सजावट के लिए बाहर से आये कारीगर लगातार काम कर रहे हैं, जिसमे मथुरा, सीतापुर आदि जगहों से विशेष कारीगरों का दल बुलाया गया है. इस फूलों की सजावट के काम का जिम्मा लेने वाले बालकृष्ण सैनी ने बताया कि भगवान रामलला स्थान का सजावट करने के लिए इन फूलों को बाहर से मंगवाया गया है. इन फूलों से राममंदिर की सजावट, फूलों से गेट का निर्माण व रंगोलियों में भी इस्तेमाल किया जाएगा.

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रंगोली के लिए अलग से 6 कुंतल फूल सफेद,नीले,पीले, बैंगनी व हरी पत्ती के फूल खासतौर पर सजावट के लिए इस्तेमाल किये गए हैं. राममंदिर की सजावट के लिए 40 कुंतल गेंदा, जरबेरा फूलों के 2 हजार बंडल इस्तेमाल हुए हैं. इसके अलावा आर्किड, लिली, डेनिम, कार्नेसन जैसे फूलों की प्रजातियां कोलकाता, बैंगलोर से मंगवाई गई हैं. बालकृष्ण सैनी ने बताया कि इस आयोजन से पहले भी उन्होंने श्रीराम लला के प्राण प्रतिष्ठा के समय भी फूलों से सजावट का काम किया था.

दीपोत्सव की वजह से अयोध्या के प्रति बढ़ा पर्यटकों का क्रेज

दीपोत्सव के नाते अयोध्या की देश-दुनियां में जबर्दस्त ब्रांडिंग हुई. हर साल दीप प्रज्वलन का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बना. वैश्विक महामारी कोरोना को अपवाद मान लें तो अयोध्या आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों की संख्या भी बढ़ी. मसलन 2017 के पहले दीपोत्सव के दौरान वहां सरयू के घाटों पर जलने वाले दीपकों की संख्या 1.71 लाख थी तो 2018, 2019, 2021 एवं 2022 में यह बढ़कर क्रमशः 3.01, 4.04 , 6.06 व 9.41 लाख रही. दीपों की संख्या के लिहाज से हर साल गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बना. इस साल 15 लाख दीप जलाने का लक्ष्य है. तैयारी 17 लाख दीपकों की की गई हैं.

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