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श्रीराम के शासन में नहीं थी कोई निर्धनता और बीमारी : विहिप
नयी दिल्ली : विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने सोमवार को कहा कि अयोध्या में 5 अगस्त को राम मंदिर का निर्माण शुरू होने के साथ ही संगठन अब भारत को ‘‘राम राज्य'' बनाने की दिशा में काम करेगा तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति समुदायों के उत्थान पर ध्यान केंद्रित करेगा. उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि आंदोलन का नेतृत्व करने वाली विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) का मिशन भगवान राम के जन्मस्थान पर केवल मंदिर निर्माण का नहीं था, बल्कि यह ‘‘राम राज्य'' स्थापित करने का भी मिशन है.
आलोक कुमार ने कहा, ‘‘श्रीराम के शासन में कोई निर्धनता और कोई बीमारी नहीं थी. विहिप अब अधिक ध्यान ‘राम राज्य' स्थापित करने पर केंद्रित करेगी जो समानता पर आधारित सौहार्दपूर्ण समाज होगा जहां प्रत्येक व्यक्ति के साथ गरिमापूर्ण व्यवहार होगा. हर कोई भोजन, कपड़ा, मकान, शिक्षा और आजीविका को लेकर आश्वस्त होगा.'' विहिप नेता ने कहा कि जब तक समाज शबरी और निषादराज को अंगीकार नहीं करेगा और जब तक ‘‘ऊंच-नीच'' का भेद नहीं मिटेगा, तब तक ‘राम राज्य' नहीं आ सकता.
उन्होंने कहा कि सरकार के अतिरिक्त, समाज के सभी तबकों को लक्ष्य प्राप्ति के लिए मिलकर काम करना होगा. विहिप इसके लिए अभियान शुरू करेगी. आलोक कुमार ने कहा, ‘‘विहिप खास तौर पर अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति समुदायों के बीच अपने कार्य का विस्तार करेगी और उन्हें बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य तथा आय अर्जित करने वाली सुविधाएं उपलब्ध कराने के अपने प्रयासों को तेज करेगी.'' आलोक कुमार ने कहा कि इस कार्य के लिए संगठन को सरकार तथा लोगों के बीच ‘‘सेतु'' के रूप में काम करना चाहिए. कुमार ने सामाजिक सौहार्द को ‘राम राज्य' का आवश्यक पहलू करार देते हुए कहा कि भगवान राम ने अपने 14 साल के वनवास में लगातार इसके लिए काम किया.
पीएम मोदी पहले हनुमान गढ़ी मंदिर में करेंगे पूजा-अर्चना
अयोध्या में 5 अगस्त को पीएम मोदी की यात्रा के आगे हनुमान गढ़ी मंदिर को पवित्र किया जा रहा है. पीएम मोदी सबसे पहले हनुमान गढ़ी मंदिर जाएंगे. राम मंदिर निर्माण भूमि पूजन से पहले हनुमान गढ़ी मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे, इसलिए यहां उनकी यात्रा की तैयारी जोरों पर चल रही
Ayodhya: Hanuman Garhi temple being sanitised ahead of PM Modi's visit on August 5. Temple priest says, "PM Modi will first visit Hanuman Garhi temple and offer his prayers before going for bhoomi pujan at Ram Janambhoomi, so preparations are underway for his visit here." pic.twitter.com/cyuXvlamsZ
— ANI UP (@ANINewsUP) August 3, 2020
आरएसएस के शीर्ष 11 लोगों को आमंत्रण
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के भूमि पूजन तथा शिलान्यास में आरएसएस के शीर्ष 11 लोगों को आमंत्रित किया गया है. इनमें आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, भैया जी जोशी, कृष्ण गोपाल, दत्तात्रेय होसबोले और लखनऊ के क्षेत्र प्रचारक अनिल कुमार शामिल हैं. यह सभी लोग इस कार्यक्रम में रहेंगे. इसके अलावा यहां विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय महासचिव आलोक कुमार भी मौजूद रहेंगे. संतों की इस लिस्ट में कई बड़े नाम शामिल हैं तो कई नामों को लेकर अभी तक खुलासा नहीं हो पाया है. श्री श्री रविशंकर का नाम अभी तक इस लिस्ट में नहीं है. वहीं मुरारी बापू के नाम की चर्चा भी नहीं सुनाई दे रही है.
प्रधानमंत्री संग मंच पर विराजेंगी पांच हस्तियां
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भूमि पूजन के मंच पर श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल व और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंच पर विराजेंगे. प्रधानमंत्री और अतिथियों को बैठने के लिए बनाया गया पंडाल 30 हजार वर्ग फीट में फैला है. इसमें 15 हजार वर्ग फीट सुरक्षा कर्मियों के खड़े होने एवं 'डी' का हिस्सा होगा. बाकी हिस्से में आमंत्रित अतिथि बैठेंगे.
भूमि पूजन के लिए सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष और बाबरी मस्जिद के पक्षकार को भी न्योता
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए होने वाले भूमि पूजन के अवसर पर सौहार्द मंच भी सजने को लेकर चर्चा जोरों पर है. अयोध्या में 5 अगस्त को राम मंदिर भूमि पूजन कार्यक्रम में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जफर फारूखी, अयोध्या के समाजसेवी पद्म श्री मोहम्मद शरीफ, बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी आमंत्रित लोगों की सूची में शामिल हैं. गौर हो कि इकबाल अंसारी के पिता हातिम अंसारी न सिर्फ बाबरी मस्जिद के मुख्य पक्षकार थे, बल्कि वे राम मंदिर आंदोलन के अगुआ रहे रामचंद्र परमहंस के करीबी दोस्त भी थे. सबसे खास बात यह है कि दोनों के बीच दोस्ती भी ऐसी कि मुकदमा लड़ने भी साथ जाते थे.
राम मंदिर के लिए बुजुर्ग महिला ने 28 साल से नहीं खाया अन्न, 5 अगस्त को तोड़ेंगी व्रत
अयोध्या में राम मंदिर की नींव पड़ते ही मध्य प्रदेश के जबलपुर की 81 वर्षीया बुजुर्ग महिला उर्मिला देवी की तपस्या पूरी हो जायेगी. 6 दिसंबर, 1992 को विवादित ढांचा ढहाये जाने के बाद दंगे हुए थे, तब उन्होंने संकल्प लिया था कि राम मंदिर की नींव रखे जाने तक वे अन्न ग्रहण नहीं करेंगी. वे पिछले 28 वर्षों से फलाहार के साथ राम नाम का जाप करते हुए उपवास पर हैं. पहले लोगों ने उन्हें अपना उपवास तोड़ने के लिए काफी समझया था, लेकिन वे अपने फैसले पर अडिग रहीं. मंदिर के पक्ष में फैसला आने पर वे बहुत खुश हुई थीं. पीएम मोदी को पत्र भेजकर बधाई दी थी.
भूमि पूजन में नहीं शामिल होंगी उमा भारती
राम जन्मभूमि के पांच अगस्त को होनेवाले भूमिपूजन के लिए तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. इसकी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां पर भूमि पूजन करेंगे. भूमि पूजन के पहले गृहमंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष के कोविड संक्रमित आने के कारण चिंताए बढ़ गयी है. इस पर भारतीय जनता पार्टी की नेता उमा भारती ने भी ट्वीट कर कहा है कि वो अयोध्या के भूमि पूजन कार्यक्रम में तो आएंगी, लेकिन मंदिर स्थल पर ना रहकर सरयू नदी के तट पर रहेंगी.
भागलपुर के मुस्लिम बुनकरों ने साधु-संतों के लिए चादरें तैयार कर भेजा अयोध्या
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए पांच अगस्त को होने वाले भूमि पूजन समारोह की तैयारी बिहार के भागलपुर में भी जोर-शोर से हो रही है. जिले के नाथनगर के बुनकरों के द्वारा तैयार किया गया भागलपुरी डल चादर अयोध्या में राममंदिर के शिलान्यास के मौके पर साधू-संतों को भेंट किया जाएगा.
भूमि पूजन में होगा आठ हजार पवित्र स्थलों से मिट्टी, जल और रजकण का उपयोग
भूमि पूजन में देशभर के करीब आठ हजार पवित्र स्थलों से मिट्टी, जल और रजकण का उपयोग किया जायेगा.श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने कहा कि मिट्टी और जल एकत्र करने का कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता एवं सामाजिक समरसता को मजबूत बनाने का अनूठा उदाहरण है. उदाहरण के लिए झारखंड के आदिवासी समाज का भी महत्वपूर्ण पूजा स्थल है. जब हम उस स्थान की मिट्टी एकत्र करने गये, तो दलित और आदिवासी समाज में अभूतपूर्व उत्साह का माहौल देखने को मिला. उनका कहना था कि राम और सीता तो हमारे हैं, तभी हमारी माता शबरी की कुटिया में पधारे और जूठे बेर खाये.
45 वर्ष से कम उम्र के पुलिसकर्मियों ही रहेंगे पीएम की सुरक्षा में
पीएम की सुरक्षा को मजबूत करने और सुरक्षा घेरे को कोरोना फ्री रखने के लिए जिला प्रशासन ने ऐसे 200 पुलिसकर्मियों को चुना है, जिनकी उम्र 45 साल से कम हो. इन सबका कोरोना टेस्ट निगेटिव आया है. ऐसे पुलिसकर्मी ही पीएम के सुरक्षा घेरे में रहेंगे.
पांच अगस्त को 11-11:15 बजे अयोध्या पहुंचेंगे पीएम मोदी
पीएम मोदी पांच अगस्त को 11-11:15 बजे अयोध्या पहुंचेंगे. करीब तीन घंटे यहां पर रुकेंगे. प्रधानमंत्री सबसे पहले हनुमानगढ़ी में दर्शन करेंगे. यहां विशेष पूजा होगी. वह हनुमानगढ़ी में करीब तीन मिनट तक पूजा करेंगे. इसके बाद मानस भवन में पूर्व-निर्मित मंदिर जायेंगे, जहां भगवान राम की मूर्ति रखी गयी है. इसके बाद वह राम जन्मभूमि की ओर जायेंगे, जहां वह भूमि पूजन करेंगे.
जिस 1 किमी रास्ते से गुजरेंगे पीएम उसे सैनिटाइज किया, लोगों का किया जा रहा एंटीजन टेस्ट
पीएम मोदी के हेलिकॉप्टर को लैंड कराने साकेत डिग्री कॉलेज में हेलिपैड बनाया गया है. यहां से पीएम रामजन्मभूमि तक जाएंगे. यह दूरी लगभग एक किमी की है.जिस एक किलोमीटर के रास्ते से पीएम मोदी गुजरेंगे उसे भी सैनिटाइज किया जा रहा है. उस इलाके में लोगों का एंटीजन टेस्ट किया जा रहा है.
भूमि पूजन के लिए अयोध्या पूरी तरह सज कर तैयार
पांच अगस्त को राम मंदिर की भूमि पूजन के लिए अयोध्या पूरी तरह सज कर तैयार हो गयी है. रामनगरी राममय हो गयी है. सरयू तट से लेकर राम की पैड़ी तक का रूप-रंग बदल चुका है. अखाड़े, आश्रम और मंदिरों की साज-सज्जा हो चुकी है. सरयू तट और राम की पैड़ी दीपों से जगमगा रहे हैं. वहीं, भूमि पूजन कार्यक्रम की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है.
राम मंदिर के मुख्य पुजारी किए गए कोरेंटिन
अयोध्या में राम मंदिर के लिए होने वाले “भूमि पूजन” समारोह में बस दो दिन का ही समय बचा है. इससे पहले रामलला के सहायक पुजारी के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद उनके संपर्क में आये मुख्य पुजारी सतेंद्र दास तीन दिन के लिए आइसोलेट हो गये हैं. हालांकि, उनकी रिपोर्ट निगेटिव आयी है. इस दौरान वह लोगों से नहीं मिलेंगे.
श्रीरामजन्मभूमि को कोरोना फ्री बनाए रखने के लिए तेजी से हो रहा कोरोना टेस्ट
पीएम मोदी राम मंदिर के भूमिपूजन के लिए 5 अगस्त को अयोध्या आ रहे हैं. अयोध्या सहित पूरे देश में इसे लेकर उत्साह का माहौल है. लेकिन कोरोना संक्रमण से श्रीरामजन्मभूमि को कोरोना फ्री बनाए रखना बड़ी चुनौती है. जिसे लेकर तैयारियां भी की जा रही है. इसी क्रम में अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि के1 किमी के इलाके में मौजूद हर व्यक्ति का कोरोना टेस्ट किया जा रहा है.
भूमिपूजन से पहले पीएम मोदी हनुमानगढ़ी में दर्शन करेंगे
रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला के मंदिर निर्माण की तैयारी अयोध्या में जोर-शोर से चल रही है. मंदिर के भूमि पूजन समारोह में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी भाग लेंगे. 5 अगस्त को होने वाले भूमिपूजन कार्यक्रम की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. पीएम की सुरक्षा को लेकर भी कड़ी तैयारी की गई है. वहीं मंदिर के भूमिपूजन से पहले पीएम मोदी हनुमानगढ़ी में दर्शन करेंगे. जिसे लेकर मंदिर में विशेष तैयारी की जा रही है.