Banda Boat Accident: बांदा नाव हादसे में लापता 17 लोगों की तलाश के लिए रेस्क्यू ऑपेरशन फिर से शुरू जारी है .40 घंटे बाद भी लापता लोगों को ढूंढने की जंग जारी है. बांदा में 33 सवारियों से भरी नाव के यमुना नदी में पलटने के हादसे में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है और 13 लोगों को बचा लिया गया है, मगर घटना के करीब 40 घंटे बाद भी लापता हुए 17 लोगों की तलाश पूरी नहीं हो पाई है. नाव दुर्घटना में लापता 17 लोगों का पता लगाने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के जवान लगातार प्रयास कर रहे हैं.
यमुना नदी में नाव डूबने से लापता हुए 32 लोगों को खोजने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कुल छह टीमें लगी हैं. इन टीमों के 60 जवान आठ मोटर बोट से पूरा दिन तलाशने के बाद भी किसी को नहीं ढूंढ पाए हैं. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों ने 12 किलोमीटर दूर तक लापता लोगों को खोजने का प्रयास किया. रात में रेस्क्यू ऑपरेशन को स्थगित करने के बाद आज सुबह से फिर अभियान लगातार जारी रहेगा. गुरुवार को जब नाव यमुना नदी में अचानक पलटकर जलमग्न हुई, तब उस नाव में 33 लोग सवार थे.
वहीं इस घटना पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो मंत्रियों रामकेश निषाद और राकेश सचान को घटनास्थल पर तत्काल पहुंचने के निर्देश दिए. इतना ही नहीं, मृतकों के परिजनों को आपदा राहत कोष से प्रति मृतक 4 लाख रुपए की राहत राशि देने के लिये भी निर्देश दिए. बता दें कि यह हादसा गुरुवार शाम करीब चार बजे मरका थाना क्षेत्र के कस्बा मरका में हुआ. यमुना नदी में नाव पलट जाने से दो लोगों की जान चली गई. बचे लोगों की मानें तो लापता सभी लोग डूब गए हैं और उनके बचने की संभावना नहीं है.