Bareilly: उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव 2022 के 17 नगर निगम के मेयर, 200 नगर पालिका और 546 नगर पंचायत अध्यक्ष (चेयरमैन) पद का आरक्षण सोमवार शाम नगर विकास मंत्री अरविंद शर्मा ने जारी कर दिया है. इसमें बरेली नगर निगम का मेयर पद अनारक्षित हो गया है.
यह सीट पिछली बार भी अनारक्षित थी. इस बार एससी और ओबीसी के दावेदारों को चक्रानुक्रमाक आरक्षण से आरक्षण बदलने की उम्मीद थी. मगर, एक बार फिर सिर अनारक्षित होने से उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है.
बरेली मेयर सीट के लिए एससी और ओबीसी के लगभग 24 से अधिक दावेदार थे. यह महीनों से तैयारियों में जुटे थे. सबसे अधिक एससी और ओबीसी के दावेदार भाजपा और सपा में थे. मगर, इनके अरमान सोमवार को था ठंडे पड़ गए. बरेली मेयर सीट सबसे अधिक एससी महिला होने की उम्मीद जताई जा रही थी. मगर, यह एससी महिला भी नहीं हुई. एक बार फिर अनारक्षित हो गई है.
बरेली मेयर सीट कभी भी एससी को आरक्षित नहीं हुई है. एक बार फिर आगरा नगर निगम की मेयर सीट एससी को रिजर्व हुई है.यह पहले 2007 में एससी के खाते में थी, जो अब एससी महिला हो गई है. झांसी एससी के लिए, मथुरा वृंदावन और अलीगढ़ अन्य पिछड़ा वर्ग महिला, मेरठ और प्रयागराज नगर निगम मेयर सीट पिछड़ा वर्ग के लिए, अयोध्या, सहारनपुर और मुरादाबाद महिला के लिए आरक्षित हुई है, जबकि फिरोजाबाद, गाजियाबाद, लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, वाराणसी, बरेली और शाहजहांपुर अनारक्षित हो गई हैं.
पिछली बार 2017 के नगर निकाय चुनाव में मेरठ सीट एससी महिला के लिए रिजर्व थी, जबकि मथुरा वृंदावन एससी के लिए, फिरोजाबाद और वाराणसी पिछड़ा वर्ग महिला, सहारनपुर और गोरखपुर पिछड़ा वर्ग, लखनऊ, कानपुर नगर और गाजियाबाद महिला के लिए व आगरा, इलाहाबाद, बरेली, मुरादाबाद, अलीगढ़, झांसी और फैजाबाद अनारक्षित थी.
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बरेली नगर निगम सीट एक बार फिर अनारक्षित होने के बाद सपा और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद जताई जा रही है. भाजपा अपने मेयर डॉक्टर उमेश गौतम पर दांव लगाने की तैयारी में है तो वहीं सपा के पास पूर्व मेयर सुप्रिया ऐरन, पूर्व विधायक विजयपाल सिंह और डॉक्टर अनीस बैग हैं. कांग्रेस और बसपा के प्रत्याशी जल्द सामने की उम्मीद है.
रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली