उत्तर प्रदेश के बरेली में फाजिल-ए-बरेलवी इमाम अहमद रजा खां (आला हजरत) के 103वें उर्स का शनिवार की शाम आगाज हो गया. इस दौरान उर्स स्थल इस्लामिया मैदान गेट पर दरगाह के प्रमुख मौलाना सुब्हान रज़ा खान (सुब्हानी मियां) ने उलेमा और अकीदतमंदों की मौजूदगी में रज़वी ने परचम लहराया. इसी के साथ तीन रोज़ा उर्स का आगाज़ हो गया. शनिवार की रात 10.35 मिनट पर हुज्जातुल इस्लाम मुफ्ती हामिद रज़ा खान (हामिद मियां) साहब का कुल शरीफ होगा.
उर्स के दौरान ऑल इंडिया तरही नातिया मुशायरा भी आयोजित किया जाएगा. उर्स की सभी रस्म कोविड-19 की गाइडलाइंस के अनुसार होंगे. सभी कार्यक्रम दरगाह प्रमुख हज़रत मौलाना अल्हाज़ सुब्हान रज़ा खान (सुब्हानी मियां) की सरपरस्ती और सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रज़ा क़ादरी (अहसन मियां) की सदारत के साथ ही उर्स प्रभारी सय्यद आसिफ मियां की निगरानी में अदा की जाएंगी.
मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि शनिवार से तीन रोज़ा उर्स की शुरुआत दरगाह स्थित रज़ा मस्जिद में सुबह फज्र नमाज बाद कुरानख्वानी से हुई. सुबह में रज़वी परचम आज़म नगर स्थित हाजी अल्लाह बख्श के निवास से सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां की क़यादत में दरगाह आया. यहां सलामी देने के बाद परचम उर्स स्थल पर पहुंचा. इश्क़ मोहब्बत आला हज़रत-आला हज़रत के नारों से दरगाह प्रमुख हज़रत मौलाना सुब्हान रज़ा खान (सुब्हानी मियां) सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां और उलेमा की मौजूदगी पाक दरगाह में परचम कुशाई की रस्म अदा हुई.
Also Read: महंत नरेंद्र गिरि की कार का हुआ था एक्सीडेंट या हत्या की थी साजिश, इस एंगल से भी जांच करेगी CBIउर्स के आगाज़ के मौके पर देश-दुनिया में अमन-खुशहाली के साथ कोरोना के खात्मे की दुआ की गई. नमाज़-ए-मग़रिब हाजी गुलाम सुब्हानी और आसिम नूरी ने मिलाद का नज़राना पेश किया. कारी नोमान रज़ा ने तिलावत-ए-कुरान से किया. उर्स पर मथुरापुर स्थित मदरसा जमीयतुर्रजा में भी उलमा की महफ़िल सजी. इसमें कलाम पेश किया गया. उर्स के चलते दिल्ली से आने वाली गाड़ियों की एंट्री रामपुर रोड से बंद की गई है. गाड़ियां बड़ा बाईपास और नैनीताल रोड से शहर में आएंगी. शहर से बाहर निकलने के लिए भी इसी रूट को फॉलो करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं.
नमाज़-ए-फ़ज़्र कुरानख्वानी,
सुबह 8 बजे महफ़िल का आगाज़
9.58 मिनट पर रेहान-ए-मिल्लत
10.30 मिनट पर हज़रत जिलानी मियां के कुल शरीफ की रस्म
रात 9 बजे उलेमाओं की तक़रीर
रात 1.40 बजे मुफ्ती-ए-आज़म हिंद के कुल शरीफ की रस्म
(इनपुट:- मुहम्मद साजिद, बरेली)