UP Assembly Elections 2022: उत्तर प्रदेश में किसानों को योगी सरकार ने बड़ी सौगात दी है. जहां सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने आवास पर प्रदेश भर से आए किसानों के साथ संवाद किया. इस दौरान करीब 54 जिलों के 154 किसान शामिल हुए. इसमे मुख्यमंत्री ने किसानों से उनकी समस्या जान कई एलान किए.
सीएम योगी ने पश्चिम के किसानों को बड़ी राहत देते हुए पराली जलाने को लेकर हुए सभी मुकदमे वापस लेने की घोषणा की. साथ ही जल्द गन्ना मूल्य में बढ़ोतरी करने का भी ऐलान किया. वहीं अब बिजली बिल बकाया होने पर किसी किसान का कनेक्शन नहीं काटा जाएगा.
सीएम योगी ने कहा कि 2016-17 में 6 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया था, वहीं इस साल कोरोना के बावजूद 56 लाख मीट्रिक टन रिकॉर्ड गेहूं की खरीद हुई है. 2016 में हुई 16 लाख एमटी धान खरीद के सापेक्ष में बीते सत्र में 66 लाख एमटी धान खरीद की है.
Also Read: शायर मुनव्वर राना का बेटा तबरेज लखनऊ से गिरफ्तार, प्रॉपर्टी विवाद में खुद पर चलवाई थी गोलीबंद चीनी मिलों को लेकर सीएम ने कहा कि 2017 से पहले की सरकारों ने बदनीयती से चीनी मिलों को बंद करने का काम किया. किसान हताश हुए, निराश हुए, लेकिन 2017 में जब प्रदेश ने प्रधानमंत्री मोदी को मौका दिया तो चौधरी चरण सिह की भूमि रमाला हो या पिपराइच और मुंडेरवा, कहीं नई चीनी मिलें लगीं तो कहीं पुराने का जीर्णोद्घार करा कर पुन: चलाया गया. कहीं क्षमता बढ़ोतरी हुई तो कहीं आधुनिकतम तकनीक से लैस मशीनें लगाई गईं. पश्चिम क्षेत्र की चीनी मिलें 20 अक्टूबर और मध्य क्षेत्र की मिलें 25 अक्टूबर से शुरू होंगी. वहीं, पूर्व क्षेत्र की चीनी मिलों का संचालन नवंबर के पहले हफ्ते से शुरू हो जाएगा.
प्रदेश के पश्चिम क्षेत्र, मध्य क्षेत्र और पूर्वी क्षेत्र की तीन चीनी मिलें नवंबर तक प्रारंभ हो सकें, इस पर @UPGovt तेजी से कार्य कर रही है।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) August 25, 2021
कुछ किसानों ने बेसहारा पशुओं की वजह से फसलों को होने वाले नुकसान का हवाला देते हुए गोशालाओं को व्यवस्थित करने का सुझाव दिया. इस पर योगी ने कहा कि गोशालाओं को व्यवस्थित किया जा रहा है. अब इसके लिए कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी.
किसानों के साथ आकंड़े साझा करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2007 से 2016 तक मात्र 95 हजार करोड़ गन्ना मूल्य का मूल्य भुगतान हुआ था. 2010 के बाद से 96 माह तक सब बकाया था. बीते साढ़े चार सालों में 1.40 हजार करोड़ का भुगतान कराया गया है. आज न केवल मात्र 4 माह का बकाया है, बल्कि वर्तमान सीजन के 82 फीसदी मूल्य का भुगतान कर दिया गया है. कोरोना काल में जबकि एक्सपोर्ट बन्द था, बावजूद इसके गन्ना खरीद जारी रही.
Also Read: ‘किसानों पर दर्ज मुकदमे लिए जाएंगे वापस, बढ़ेगा गन्ने का समर्थन मूल्य’, सीएम योगी का बड़ा ऐलानउत्तर प्रदेश में वर्ष 2010 से 2017 तक का गन्ना मूल्य बकाया था। पिछले साढ़े 4 वर्ष में @UPGovt ने ₹1,42,000 करोड़ गन्ना मूल्य का भुगतान किया है।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) August 25, 2021
वर्तमान सीजन का भी 82 फीसदी से अधिक मूल्य का भुगतान हो चुका है।
Posted By Ashish Lata