Agra Tourist Places: सर्दियों का मौसम शुरू हो गया है. इस मौसम में लोग अपनी फैमली और फ्रेंड के साथ कहीं न कहीं घूमने जरूर जाते हैं. उत्तर प्रदेश में कई ऐसी खूबसूरत जगह है जहां विदेश से लोग घूमने आते हैं. उन्हीं में से एक जगह है यूपी का आगरा. यहां में हर साल लाखों की संख्या में लोग ताजमहल का दीदार करने आते हैं. आज हम आपको बताएंगे आगरा में ताजमहल के अलावा और कौन-कौन सी जगह है जहां घूमा जा सकता है.
अगर आप आगरा घूमने आए हैं तो ताजमहल के अलावा आप आगरा का किला भी घूम सकते हैं. इस किले की खासियत यह है कि ये बलुआ पत्थरों से बना है. इसे मुगल बादशाह अकबर ने बनवाया है. यह किला सन 1654 में बनवाया गया था. यह किला लाल किले से काफी मिलता है.
सिंकदरा किले की खासियत यह है कि, इसके फाटकों, मकबरों और लाल बलुआ पत्थर से डिजाइन किया गया है. इस किले का डिजाइन पूरी दुनिया में फेमस है. इस किले में महान सम्राट अकबर का मकबरा है. हर साल लाखों लोग यहां घूमने आते हैं.
एत्माद-उद-दौला मकबरा मुगल बादशाह जहांगीर की बेगम नूरजहां ने अपने पिता मिर्जा ग्यास बेग वजीर की याद में 1628 ई. में बनवाया था. इसकी डिजाइन फारसी शैली की वास्तुकला ताजमहल से काफी ज्यादा मिलती है. यहीं कारण है कि इसे बेबी ताजमहल के नाम से भी जाना जाता है.
अंगूरी बाग को शाहजहां ने सन 1637 में बनाया था. शाहजहां ने इस जगह को अपनी रानियों के आराम और नहाने के लिए बनवाया था. इसके साथ ही यहां पर अंगूरों का बड़े बाग हैं.
आगरा में अगर आप घूमने आए हैं तो चीनी का रोजा जरूर जाएं. इसे शाहजहां के वजीर शुक्रुल्लाह शीराजी अफजल खां ‘अल्लामी’ ने 1639 में बनवाया था. इस मकबरा में नीले रंग के टाइल लगे हैं. जो अपनी चमक के लिए मशहूर है. फिलहाल अभी ये टाइल्स निकल गई हैं. इस मकबरे में चीनी मिट्टी का भी इस्तेमाल किया गया है. इसलिए इसका नाम चीनी का रोजा रखा गया.
आगरा का बुलंद दरवाजा को सम्राट अकबर ने गुजरात पर अपनी जीत हासिल करने की याद में 1602 में बनवाया था. इस दरवाजे के पूर्वी टॉर्न पर फ़ारसी में शिलालेख देखने को मिलेगा. यह दरवाजा 42 सीढ़ियों के ऊपर बना है. यह दरवाजा 53.63 मीटर ऊंचा और 35 मीटर चौड़ा है. इसे लाल बलुआ पत्थर से बनवाया गया है.
पंचमहल एक पांच मजिला इमारत है. यह फतेहपुर सीकरी के पश्चिमी कोने पर है. इसे मुगल बादशाह अकबर ने अपनी रानियों के लिए बनवाया था. इस महल की खासियत ये है कि इसमें 176 खंभे हैं. इन खंभों के बीच से आने वाली हवा बहुत ही ज्यादा ठंडी होकर आती है.