Lucknow: समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान का गढ़ कहे जाने वाले रामुपर में उपचुनाव के बाद भाजपा बेहद उत्साहित है. उपचुनाव में मतदान के मामले में रामपुर सबसे फिसड्डी रहा और यहां सबसे कम 33.94 प्रतिशत वोट पड़े. समाजवादी पार्टी ने जहां उनके मतदाताओं को घरों से नहीं निकलने देने और मतदान केंद्रों से वापस लौटाने का आरोप लगाया है. वहीं भाजपा की ओर से निष्पक्ष मतदान के साथ अपनी जीत का दावा किया गया है.
पार्टी उम्मीदवार आकाश सक्सेना ने मतदान संपन्न होने के बाद कहा कि हम जीत के लिए पूरी तरह से आश्वस्त हैं. हम जीते हुए हैं हमारी जीत निश्चित है. उपचुनाव के नतीजों के बाद नया रामपुर होगा, कारखानों वाला रामपुर होगा. अंधेरी रात से रामपुरवासियों को निजात मिली है.
उपचुनाव के दौरान पूरे समय रामपुर में भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच कश्मकश चलती रही. शिकायतों का दौर भी चला. मतदान सुबह जहां सुस्त गति से शुरू हुआ, वहीं देर शाम तक यही सिलसिला चला. इसी वजह से रामपुर मैनपुरी और खतौली उपचुनाव की तुलना में मतदान में सबसे पिछड़ा रहा. भाजपा के आकाश सक्सेना और सपा के असीम राजा सहित कुल 10 उम्मीदवार के बीच यहां मुकाबला हुआ है.
आजम इस सीट से 10 बार विधायक रह चुके हैं. लेकिन, इस बार भाजपा का दावा है कि यहां कमल खिलेगा. उसे बड़ी तादाद में रामपुर के अल्पसंख्यकों के वोट मिले हैं. खासकर नवाब खानदान और आजम से परेशान वर्ग का उसे साथ मिला. पार्टी नेताओं के मुताबिक जिस रणनीति से उसने रामपुर लोकसभा सीट पर कब्जा जमाया था, उसी तर्ज इस बार भी उसे मतदाताओं का साथ मिला है.
उधर रामपुर में जिस तरह से सपा ने मतदान प्रभावित करने का आरोप लगाया है. उससे जाहिर हो रहा है कि पार्टी वोटिंग के रुख से संतुष्ट नहीं है. खुद आजम की पत्नी और पूर्व सांसद तंजीन फातिमा ने वोट डालने के बाद कहा कि वोटिंग के नाम पर मजाक हो रहा है. सपा ने भाजपा पर अपने बस्ते पर तोड़फोड़ करने का आरोप लगाया. मुस्लिम वोटरों को घर से नहीं निकलने देने की बात कही.
अब्दुल्ला आजम भी पुलिस प्रशासन के व्यवहार से नाराज दिखे. सियासी जानकारों के मुताबिक जिस तरह से आजम परिवार इस बार बेचैन दिखा और मतदान का प्रतिशत बेहद कम रहा, उससे कयास लगाये जा रहे हैं कि आजम का किला ढह सकता है. आसिम राजा आजम की विरासत को आगे बढ़ाने में फिर नाकाम होंगे. हालांकि भाजपा के जीत के दावे की हकीकत 8 दिसंबर को सामने आएगी.