Baby Rani Maurya targeted Swami Prasad Maurya: उत्तराखंड की राज्यपाल रह चुकीं बेबी रानी मौर्य ने 25 मार्च 2022 को उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री के रूप में शपथ ली. वह आगरा ग्रामीण विधानसभा सीट से विधायक हैं. उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य पर निशाना साधते हुए उन्हें अवसरवादी बताया है.
बेबी रानी मौर्य ने कहा कि कैबिनेट मंत्री बनने से पहले उन्होंने राज्यपाल और मेयर के रूप में काम किया. कोरोना महामारी के दौरान उन्होंने उत्तराखंड के राज्यपाल के पद से इस्तीफा देने का फैसला किया और जनता की सेवा करने के लिए यूपी लौट आयीं. उन्होंने कहा कि वर्षों से मैंने महिलाओं के कल्याण के लिए काम करना जारी रखा है.
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कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य ने कहा कि मैं जाटव समुदाय से हूं. बीजेपी ने दलित को मेयर, गवर्नर, कैबिनेट मंत्री और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया. उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य को अवसरवादी बताया.
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बेबी रानी मौर्य का भाजपा के साथ राजनीतिक सफर 1995 में शुरू हुआ. इससे पहले वे घरेलू महिला थीं. पार्टी में आते ही उन्हें मेयर पद के लिए मैदान में उतारा गया था. वे आगरा की पहली महिला मेयर बनी थीं. वर्ष 2007 में उन्हें भाजपा ने एत्मादपुर विधानसभा क्षेत्र से मैदान में उतारा था, लेकिन हार गईं. इसके पहले और बाद वे लंबे समय तक विभिन्न पदों पर रहीं.
बेबी रानी मौर्य को वर्ष 1997 में भाजपा राष्ट्रीय अनुसूचित मोर्चा का कोषाध्यक्ष बनाया गया. इसके बाद 2002 में उन्हें राष्ट्रीय महिला आयोग का सदस्य बनाया गया. वहीं, 2018 में बेबी रानी मौर्य को बाल अधिकार संरक्षण आयोग का सदस्य बनाया गया. इसी साल उन्हें उत्तराखंड का राज्यपाल बनाया गया. 2021 में बेबी रानी मौर्य को भाजपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया.
Posted By: Achyut Kumar