Bareilly News: क्रिमसम की तैयारियां काफी तेजी के साथ शुरू हो गई हैं. बरेली के गिरजाघर (चर्च) सजने लगे हैं. इसमें बरेली के कैंट में स्थित सेंट स्टीफेंस चर्च रोशनी से जगमगाने लगा है. शहर का सेंट स्टीफेंस चर्च यूपी का सबसे पुराना है. इसको इंग्लैंड के आर्किटेक्ट ने वर्ष 1858 में बनाया था. लाल ईंटों से निर्मित यह चर्च काफी ऐतिहासिक है. शहर के सेंट स्टीफन चर्च में वर्ष 1862 में फर्स्ट प्रेयर (पहली प्रार्थना) का आयोजन हुआ था. बरेली के इस चर्च में पाइप ऑर्गन भी है. इसका बड़ा महत्व है.
उत्तर भारत और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसी भी दूसरे चर्च में चर्च का पाइप ऑर्गन (वादन यंत्र) नहीं है.लाल ईंट से निर्मित चर्च की मुख्य वेदी पर संगमरमर का कार्य भी बेहद अनोखा और खूबसूरत है. संगमरमर से बने पल्पिट और बप्तिस्मा फॉण्ट की भव्यता लोगों को अब भी अपनी और आकर्षित करती है.
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बरेली में कई चर्च हैं, लेकिन सेंट स्टीफेंस चर्च काफी पुराना है. यहां काफी दूर- दूर से श्रद्धालु आते हैं. यहां एक बार में लगभग 1 हजार श्रद्धालु मिलकर प्रभु की आराधना कर सकते हैं. प्रभु यीशु के प्रमुख शिष्य स्टीफन के नाम पर इस चर्च का नाम रखा गया. यहां अंग्रेजों के ज़माने के पाइप ऑर्गन और पियानों भी मौजूद हैं, जो अपने आप में ऐतिहासिक हैं. यहां चर्च के प्रमुख स्थल पर 150 वर्ष से अधिक पुराने पाइप ऑर्गन और पियानों रखा हुआ है.
क्रिसमस’ का पर्व आशाओं और खुशियों से भरा होता है, ये लोगों के अंदर जोश भर देता है, इस पर्व का इंतजार बच्चे से लेकर बूढ़े तक साल भर करते हैं.इसमें ‘संता क्लॉज’ खुशियों की बोरियों में सभी के लिए बहुत सारे गिफ्ट लेकर आता है. कुछ लोग उन्हें ‘सपनों का बाबा’ कहते हैं तो कुछ लोग उन्हें ‘गॉड का देवदूत ‘ भी कहते हैं, जो लाल टोपी पहनकर आता है.
रिपोर्ट-मुहम्मद साजिद, बरेली