Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath) ने मुहर्रम (Muharram 2021) के मौके पर किसी भी तरह का जुलूस/ताजिया निकालने पर पाबंदी लगा दी है. यह फैसला कोविड-19 संक्रमण (Covid-19 in UP) की वजह से लिया गया है. इसके पहले कांवड़ यात्रा को भी रद्द कर दिया गया था.
पुलिस महानिदेशक कार्यालय (DGP Office) की तरफ से सभी जिलों के पुलिस कप्तानों और पुलिस कमिश्नरों को मुहर्रम को लेकर एक पत्र जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि कोरोना महामारी (Corona Pandemic) को देखते हुए किसी भी प्रकार के जुलूस / ताजिया की अनुमति न दी जाए. साथ ही धर्मगुरुओं से संवाद स्थापित कर कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का अनुपालन कराया जाए.
No procession should be allowed on the occasion of Muharram, in view of COVID19 pandemic: Uttar Pradesh Police pic.twitter.com/sTw7ZZk7RD
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 1, 2021
पत्र में कहा गया है कि सभी थानाध्यक्षों/क्षेत्राधिकारियों को यह स्पष्ट निर्देश जारी किए जाएं कि ये प्रत्येक छोटी से छोटी घटना को भी गंभीरता से लें. सूचना मिलने पर तत्काल मौके पर पहुंचे और घटना स्थल का निरीक्षण करें. साथ ही विवाद का समाधान करने और साम्प्रदायिक संवेदनशीलता को समाप्त करने के लिए कड़े और प्रभावी उपाय करें.
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डीजीपी कार्यालय की तरफ से जारी पत्र में संवेदनशील, साम्प्रदायिक और कंटेनमेंट जोन में भारी पुलिस फोर्स की तैनाती करने के लिए कहा गया है. इसके अलावा बम और आतंकवाद निरोधक दस्ता के साथ सघन चेकिंग अभियान चलाने का भी निर्देश जारी किया गया है.
पत्र में, असामाजिक तत्वों और अफवाह फैलाने वालों पर भी कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि महिलाओं के साथ छेड़खानी की घटनाएं न हो, इसके लिए सादी वर्दी में पुरुष और महिला सिपाही तैनात किए जाएं. इसके अलावा संवेदनशील क्षेत्रों के साथ ही अन्य जगहों पर मोबाइल पेट्रोलिंग करायी जाए, जिससे किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना न घटित होने पाए.
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वही, दूसरी ओर पुलिस महानिदेशक कार्यालय की तरफ से मोहर्रम को लेकर जारी गाइडलाइन्स पर घमासान मच गया है. शिया धर्मगुरुओं ने इसकी भाषा पर कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने पीस कमेटी की बैठक का बहिष्कार करने का फैसला किया है.
शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद (Shia Cleric Maulana Kalbe Jawad) ने पुलिस प्रशासन के सर्कुलर को अभद्र भाषा वाला बताया. उन्होंने प्रदेश की सभी मुहर्रम कमेटियों को पीस मीटिंग का बहिष्कार करने के लिए कहा है. उन्होंने कहा, ये दिशानिर्देश नहीं हैं. यह मुहर्रम मनाने वालों के खिलाफ झूठे और नीच आरोपों की एक सूची है. इसमें उन्हीं बातों का जिक्र है जो वहाबियों ने शियाओं पर या अल कायदा-तालिबान ने शियाओं पर लगाए हैं.
They have termed the holy month of Muharram as sensitive. They have abused those observing Muharram. We will take this up with the CM: Shia Cleric Maulana Kalbe Jawad
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 2, 2021
मौलाना कल्बे जवाद ने कहा, उन्होंने मुहर्रम के पवित्र महीने को संवेदनशील करार दिया है. उन्होंने मुहर्रम मनाने वालों को गालियां दी हैं. हम इसे सीएम के सामने उठाएंगे.
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एडीजी कानून और व्यवस्था प्रशांत कुमार के मुताबिक, मुहर्रम के लिए मैदान पर मौजूद सभी अधिकारियों के लिए 31 जुलाई को क्या करें और क्या न करें का विस्तृत आदेश जारी किया गया था. यह एक विभागीय आंतरिक आदेश है जो जमीनी हकीकत के रूप में पूर्व में हुई घटनाओं पर आधारित है.
Nothing has been mentioned against any community or religion. It's only been mentioned that anti-social elements may try to disrupt harmony so they must be strictly monitored. Strict action must be taken against them. Such orders are issued before every festival: ADG Law & Order
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 2, 2021
उन्होंने कहा, किसी भी समुदाय या धर्म के खिलाफ कुछ भी नहीं कहा गया है. यह केवल उल्लेख किया गया है कि असामाजिक तत्व सद्भाव को बाधित करने का प्रयास कर सकते हैं, इसलिए उन पर सख्ती से नजर रखी जानी चाहिए. इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. ऐसे आदेश हर त्योहार से पहले जारी किए जाते हैं.
Posted by: Achyut Kumar