Dhanteras 2022 Puja Vidhi: धनतेरस के दिन आरोग्य की प्राप्ति के लिए भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है. धनवंतरि को आयुर्वेद का प्रवर्तक और देवताओं का वैद्य माना गया है. मान्यता के अनुसार पृथ्वी लोक में धनवंतरि का अवतरण समुद्र मंथन से हुआ था. शरद पूर्णिमा को चंद्रमा, कार्तिक द्वादशी को कामधेनु गाय, त्रयोदशी को धनवंतरि, चतुर्दशी को काली माता, अमावस्या को भगवती लक्ष्मी का सागर से निकली. इसी कारण दीपावली के दो दिन पूर्व त्रयोदशी को भगवान धनवंतरि की पूजा की जाती है. भगवान धनवंतरि को हर तरह के रोगों से मुक्ति दिलाने वाला और दरिद्रता दूर करने वाला देव माना जाता है.
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पूजा मुहूर्त – शाम 7.10 बजे- रात 08.24 बजे (22 अक्टूबर 2022)
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प्रदोष काल: शाम 5.52 – रात 8.24 (22 अक्टूबर 2022)
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वृषभ काल: शाम 7.10 – रात 09.06 (22 अक्टूबर 2022)
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धनतेरस के दिन घर की सफाई कर सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें.
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षोडशोपचार विधि से देवता धनवंतरि देव की पूजा करें. साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा करें.
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भगवान धनवंतरि और मां लक्ष्मी की आरती करें.
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शाम के समय घर के मुख्य द्वार पर दीये जलाना न भूलें.
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धनतेरस के साथ शुरू होता है पांच दिवसीय दीपावली पर्व
धनतेरस के साथ ही पांच दिवसीय दीपावली पर्व की शुरुआत हो जाती है. इस 5 दिवसीय उत्सव में पहले धनतेरस, दूसरा नरक चतुर्दशी, तीसरा दीपावली, चौथा गोवर्धन पूजा और पांचवां भैया दूज का त्योहार मनाया जाता है. इन पांच दिनों के उत्सव का हर दिन अपना अलग महत्व है.