Lucknow: मैनपुरी लोकसभा से जीत दर्ज करने के बाद डिंपल यादव ने जहां इतिहास रच दिया है, वहीं डिंपल के नाम एक रिकार्ड भी बन गया है. वह मैनपुरी की पहली महिला सांसद बनी हैं. इस तरह मुलायम कुनबे के लिए यह दोहरी खुशी का मौका है.
भाजपा के पूरी ताकत लगाने के बावजूद समाजवादी पार्टी न सिर्फ अपना गढ़ बचाने में सफल हुई, बल्कि जिस तरह से जीत का अंतर 2.88 लाख मतों का रहा, उससे जनता के बीच यह संदेश भी गया कि धरातल की हकीकत से बेपरवाह भाजपा सिर्फ हवा में बात कर रही थी, उसके तमाम बड़े नेता और संगठन के धुंरधर अंदर का माहौल भांपने में नाकाम रहे. डिंपल यादव ने 288461 वोटों से भाजपा प्रत्याशी रघुराज सिंह शाक्य को हराया है. डिंपल यादव ने 618120 वोट हासिल किए हैं, जबकि रघुराज शाक्य को 329659 मत मिले हैं. डिंपल को 64.08 प्रतिशत और रघुराज शाक्य को 34.18 फीसदी वोट मिले हैं.
मैनपुरी लोकसभा सीट 1996 में मुलायम सिंह यादव की जीत के साथ पार्टी के कब्जे में है. वहीं यहां महिला उम्मीदवारों की बात करें तो उन्होंने चुनाव लड़ने की कोशिश तो की. लेकिन, मतदाताओं के बीच अपना प्रभाव नहीं छोड़ पाईं. 2004 के उपचुनाव में कांग्रेस के टिकट पर सुमन चौहान ने यहां से चुनाव लड़ा था. 2009 में भाजपा से तृप्ति शाक्य और और 2014 में बसपा से डॉ. संघमित्रा मौर्या और निर्दलीय प्रत्याशी राजेश्वरी देवी ने अपनी किस्मत आजमायी. लेकिन, उन्हें करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा. पहली बार मुलायम परिवार की बहू चुनावी मैदान में उतरीं और धमाकेदार जीत दर्ज की.
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देश में 1951-52 में पहली बार लोकसभा चुनाव हुए. उस समय मैनपुरी लोकसभा सीट का नाम मैनपुरी जिला पूर्व था. पहले चुनाव में मैनपुरी पूर्व से कांग्रेस के बादशाह गुप्ता जीते थे. बाद में इस सीट का नाम बदलकर मैनपुरी कर दिया गया.
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1957 में मैनपुरी लोकसभा सीट से प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के बंशी दास धनगर ने बादशाह गुप्ता को हराया.
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1962 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के बादशाह गुप्ता ने वापसी की और जीत कर दूसरी बार सांसद बने.
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1967 में कांग्रेस ने प्रत्याशी बदला दिया. कांग्रेस के टिकट पर 1967 और 1971 में महाराज सिंह सांसद चुने गए.
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इमरजेंसी के बाद 1977 में हुए चुनाव में भारतीय लोकदल (बीएलडी) के रघुनाथ सिंह वर्मा ने कांग्रेस के महाराज सिंह को हराया. बीएलडी का जनता पार्टी में विलय हो गया.
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1980 के चुनाव में रघुनाथ सिंह वर्मा जनता पार्टी (सेक्यूलर) के टिकट पर जीते.
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1984 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर बलराम सिंह यादव सांसद चुने गए.
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समाजवादी नेता और कवि उदय प्रताप सिंह 1989 में जनता दल और 1991 में जनता पार्टी के टिकट पर सांसद चुने गए.
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मुलायम सिंह यादव ने 1992 में समाजवादी पार्टी बनाई. साल 1996 के लोकसभा चुनाव में वह मैनपुरी से चुनाव लड़े और जीत दर्ज की
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1998 और 1999 के लोकसभा चुनाव में सपा के बलराम सिंह यादव सांसद चुने गए.
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2004 के लोकसभा चुनाव में फिर सपा के मुलायम सिंह यादव जीते. लेकिन, मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया. 2004 में कराए गए उप-चुनाव में उनके भतीजे धर्मेंद्र यादव मैनपुरी से सांसद चुने गए.
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2009 के लोकसभा चुनाव में फिर मुलायम सिंह यादव मैनपुरी से सांसद बने.
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2014 में मुलायम सिंह यादव आजमगढ़ और मैनपुरी दोनों जगहों से जीते थे. बाद में उन्होंने मैनपुरी लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया.
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2014 में हुए उपचुनाव में मुलायम परिवार के तेज प्रताप यादव सांसद चुने गए. तेजप्रताप मुलायम सिंह यादव के बड़े भाई रतन सिंह यादव के बेटे रणवीर सिंह यादव के पुत्र हैं.
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2019 में मुलायम सिंह यादव ने प्रेम सिंह शाक्य को शिकस्त दी.