Gorakhpur News: गोरखपुर में मानसून ने मूसलाधार बारिश के साथ दस्तक दे दी है. जाहिर है, प्रशासन के तमाम दावों के बीच जलभरावों ने विकास कार्यों की कलई खोलनी शुरू कर दी है. जनपद के वॉर्ड नंबर 21 बेतियाहाता में भी ऐसा ही नजारा बुधवार को देखने को मिला. पार्षद विश्वजीत त्रिपाठी ने विरोध जताने के लिए नायाब तरीका तलाशा है. इसकी चर्चा अब पूरे क्षेत्र में हो रही है.
दरअसल, बेतियाहाता के पार्षद विश्वजीत त्रिपाठी ने अपना विरोध दर्ज कराने के लिए मिर्जापुर क्षेत्र के जलजमाव एरिया की आरती की. विश्वजीत ने कहा कि नगर आयुक्त की कृपा से यह सड़क पूरी तरीके से जलमग्न हो गई है. सड़क पर नाव चला दिया जाये तो उसमें कोई अड़चन नहीं होगी. यह सड़क नगर आयुक्त और महापौर की कृपा से नमामि गंगे परियोजना की तरह नाला परियोजना बन चुकी है. नगर आयुक्त से बीते कई दिनों से बतौर पार्षद वह और स्थानीय जनता सड़क को ऊंचा करने की मांग कर रही थी. मगर सड़क का निर्माण नहीं कराया गया. उन्होंने कहा कि सरकार गोरखपुर के विकास के लिए करोड़ों रुपये जारी करती है मगर नगर आयुक्त महोदय को धन देने की फुर्सत ही नहीं है. नगर निगम के सफाई के दावों की पोल यहां खुलती नजर आ रही है. मुख्यमंत्री का सख्त आदेश था कि इस बार बरसात में कहीं भी जलभराव की स्थिति न होने पाए. उनके आदेश के बाद भी अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. आज नतीजा सबके सामने है.
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गोरखपुर में बुधवार सुबह हुई बरसात ने नगर निगम की व्यवस्था की पोल खोल कर दी. कई मोहल्लों में पानी भर गया. निचली क्षेत्रों में स्थिति काफी बुरी हो गई है. नगर निगम के अधिकारियों को आनन-फानन में मोहल्लों से पानी निकालने के लिए पंपिंग सेट का सहारा लेना पड़ा. यह हाल तब है जब सीएम योगी आदित्यनाथ ने सख्त आदेश दिया था कि बरसात में मोहल्लों में पानी नहीं रुकना चाहिए. सवाल यह है कि अब तक अधिकारी आंखें मूंदे हुये क्यों बैठे थे?
रिपोर्ट : कुमार प्रदीप