Bareilly News: बरेली में 14 जुलाई को नगर निगम की टीम अल नवाज बिरयानी की दुकान का चबूतरा तोड़ने गई थी. भाजपा नेता के भाई समेत कुछ अन्य लोगों पर दबाब बनाकर चबूतरा तुड़वाने का आरोप है. इसको लेकर दोनों पक्षों में जमकर बवाल भी हुआ. मामले में सुनवाई कर मजिस्ट्रेट ने भाजपा नेता के भाई अंकित भाटिया समेत 11 लोगों पर जबरन दुकान का चबूतरा तोड़ने रंगदारी समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है. साथ ही इंस्पेक्टर प्रेमनगर दयाशंकर को भी लाइन हाजिर किया गया था.
दरअसल, शहर के प्रेमनगर थाना क्षेत्र के राम जानकी मंदिर के पास अल नवाज बिरयानी की दुकान है. पीड़ित के भाई मोहसिन का कहना है कि भाजपा नेता के भाई अंकित भाटिया, कमल राणा, नरेंद्र राणा आदि छोटे भाई हस्सान की दुकान पर मुफ्त में बिरयानी खाते थे. दुकान चलाने के लिए 10000 रुपये की रंगदारी मांगने का भी आरोप लगाया. इसके साथ ही आरोपी 14 जुलाई को नगर निगम की टीम को साथ लेकर दुकान का चबूतरा तोड़ने पहुंचे थे. टीम ने अन्य किसी पर कार्रवाई नहीं की थी. दुकान के कर्मचारी ने बिना पक्षपात कार्रवाई करने की बात कही.
इस मामले में आरोपियों पर हमले का आरोप है. इससे हस्सान, मुजीब और नवाब गंभीर घायल हो गए थे.आरोप है कि अंकित भाटिया ने चाकू निकालकर हस्सान के पेट में मार दिया. आरोपियों के साथ आए लोगों ने भी चाकूबाजी और फायरिंग की. इससे शहर में भगदड़ मच गई थी. शहर में बिरयानी कांड के नाम पर कई दिन तनाव बना रहा. पुलिस ने हस्सान, मुजीब और नवाब के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जेल भेजा था.
पुलिस अफसरों ने इंस्पेक्टर प्रेमनगर को लाइन हाजिर कर दिया. मगर, इस मामले में सत्ताधारी नेताओं के दबाव में एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगा था, जिसके चलते पीड़ित हस्सान के मोहसिन ने कोर्ट में याचिका डाली थी. कोर्ट के निर्देश पर एफआईआर दर्ज की गई है. हालांकि, इस झगड़े में शामिल लोगों को एक-एक लाख के मुचलके से पाबंद किया गया था. इसको भी भाजपा नेताओं ने गलत बताया था.
रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली