Lucknow News: भारत के कई दिग्गज पहलवानों ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए, जिसके बाद सरकार ने पूरे मामले की जांच के लिए एक निरीक्षण समिति बनाने का ऐलान किया है. साथ ही जांच होने तक बृजभूषण शरण सिंह को पद से हटाने का आदेश दिया गया है. इस बीच डब्ल्यूएफआई महापरिषद की आज अयोध्या में होने वाली आपात बैठक अचानक कैंसिल कर दी गई है. बृजभूषण शरण सिंह ने यह बैठक बुलाई थी.
दरअसल, बृजभूषण शरण सिंह पर लगे गंभीर आरोपों के बीच भारतीय कुश्ती संघ की जनरल काउंसिल की बैठक रविवार यानी आज प्रस्तावित थी. 54 सदस्यों वाली जनरल काउंसिल की बैठक अयोध्या में होनी थी. प्राप्त जानकारी के अनुसार, अयोध्या में होने वाली कुश्ती संघ की जनरल बॉडी मीटिंग कैंसल कर दी गई है. ऐसे में अब कुश्ती संघ की बैठक 4 हफ्ते तक नहीं होगी, अयोध्या के हेरिटेज होटल में होनी WFI की बैठक होनी थी.
बता दें कि केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ हुई बैठक के बाद विनेश फोगाट, बंजरग पुनिया, साक्षी मलिक और रवि दहिया सहित अन्य पहलवानों ने अपना धरना समाप्त करने का फैसला किया. पहलवान बजरंग पुनिया ने कहा कि, केंद्रीय खेल मंत्री ने हमारी मांगों को सुना और उचित जांच का आश्वासन दिया है. इसके लिए मैं उनका धन्यवाद व्यक्त करता हूं. पुनिया ने कहा कि, हमें उम्मीद है कि निष्पक्ष जांच होगी, इसलिए हम विरोध वापस ले रहे हैं.
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि, खिलाड़ियों के साथ लगातार चर्चा चली है. सभी ने भारतीय कुश्ती संघ पर गंभीर आरोप लगाए हैं. साथ ही यह भी बात हुई है कि पहलवान इसमें क्या सुधार चाहते हैं. इसको देखते हुए एक ओवरसाइट कमेटी का गठन किया जाएगा. जो अगले 4 हफ्तों में अपनी जांच को पूरा करेगी. उन्होंने कहा कि, जांच पूरी होने तक एक कमेटी दैनिक कार्यकलाप को देखेगी. तब तक भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह अपने आप को इससे अलग रखेंगे और जांच में सहयोग करेंगे.
दरअसल, यह पहला मौका नहीं है, जब बृजभूषण सिंह विवादों के चलते सुर्खियों में छाए हुए हैं. इससे पहले भी बृजभूषण सिंह विवादों में घिर चुके हैं. कुश्ती संघ के अध्यक्ष होने के अलावा सिंह का नाम भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं में शामिल हैं. यही कारण है कि, इस विवाद को लेकर विपक्षी पार्टियां भी बीजेपी पर जमकर निशाना साध रही हैं. सिंह 2011 से डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष हैं. साल 2019 में तीसरी बार उनका इस पद के लिए चयन किया गया.
गोंडा जिले की कैसरगंज सीट से बीजेपी सांसद सिंह लगातार छह बार लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज कर चुके हैं. उन्होंने पहली बार साल 1991 में राजनीति में अपने कदम रखे और पहले चुनाव में ही भारी मतों से जीत दर्ज की. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. सिंह ने बीजेपी को बलरामपुर सीट पर जीत दिलाई, जहां से पार्टी लगातार हारती चली आ रही थी. लोगों के बीच उनकी बढ़ती लोकप्रियता के कारण ही उन्होंने साल 1999 के बाद कभी भी चुनाव में हार का सामना नहीं किया.