UP Budget 2022: यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट में कई बड़ी बातों का ऐलान किया गया है. इसमें सरकार की ओर से स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेक्टर में सुधार के लिए धन आवंटन का विशेष प्रावधान किया गया है. वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा में राज्य के लिए 6 लाख 15 हजार 518 करोड़ का बजट प्रस्तावित किया. इस दौरान वित्त मंत्री ने जनता के लिए तमाम योजना की घोषणा की. आइए, अब स्वास्थ्य एवं चिकित्सा के क्षेत्र में सरकार की ओर से किए गए बड़े ऐलान को विस्तार से जानते हैं…
● यूपी के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति को बेहतर चिकित्सा सुविधा सुलभ कराने की दिशा में हमारी सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है.
● विभिन्न वायरस जनित संक्रामक रोगों पर नियंत्रण एवं उपचार की क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि रिकॉर्ड समय में की गई है.
● राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन हेतु 10,547 करोड़ 42 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना हेतु 620 करोड़ रुपये व्यवस्था प्रस्तावित है.
● आयुष्मान भारत योजना के तहत 2,949 चिकित्सालयों को आबद्ध किया गया है.
● प्रदेश के 1.78 करोड़ लाभार्थी परिवारों को लाभ दिये जाने का लक्ष्य निर्धारित है. अब तक 1.84 करोड़ व्यक्तियों को आयुष्मान कार्ड वितरित किये जा चुके हैं. इस योजना के लिए 560 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना हेतु 250 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना हेतु 320 करोड़ 7 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● 15वें वित्त आयोग की संस्तुतियों के अधीन विभिन्न योजनाओं हेतु 2908 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● राज्य कर्मचारियों तथा पेंशनरों की असाध्य बीमारी के उपचार हेतु राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● प्रदेश में 9 से 14 वर्ष तक की एक लाख बालिकाओं को एचपीवी वैक्सीन की दोनों खुराक से आच्छादित करने के लिए 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● आशा कार्यकत्री एवं शहरी आशा संगिनियों को राज्य सरकार द्वारा प्रतिपूर्ति की धनराशि में की गई वृद्धि के दृष्टिगत 300 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है.
● राज्य औषधि नियंत्रण प्रणाली के सुदृढ़ीकरण हेतु खाद्य औषधि प्रयोगशालाओं एवं मण्डलीय कार्यालयों के निर्माण के लिए 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● प्रदेश के सीमावर्ती व अन्य क्षेत्रों में सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सालयों की स्थापना हेतु 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.