Varanasi News: उत्साह, उमंग और उल्लास का पर्व होली चटक रंगों के साथ मनाया जाता है. बिना रंगों के होली का पर्व अधूरा है. इसलिए होली को रंगों का त्योहार कहा जाता है. रंग- गुलाल उड़ाकर लोग खुशियां मनाते हैं. बाजारों में भी होली के रंगों की खूब रौनक दिखाई दे रही हैं, लेकिन क्या जानते हैं कि इन रंगों का सीधा संबंध हमारे ग्रहों से होते हुए हमारे जीवन पर भी पड़ता है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 12 राशियां होती हैं. जो अलग-अलग ग्रहों का प्रतिनिधित्व करती हैं. प्रत्येक व्यक्ति की कुंडली के अनुसार, उनका राशि स्वामी कोई न कोई ग्रह होता है, और यह ग्रह अपने स्वभाव अनुसार किसी न किसी रंग का प्रतिनिधित्व करता है. इसलिए रंगों के त्योहार होली में अपने राशि के अनुसार रंगों का चयन करते हुए होली खेलने से इन ग्रहों का अनुकूल प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ता है. काशी के धर्माचार्य पण्डित पवन त्रिपाठी से हमने इस बारे में विस्तृत रूप से चर्चा की, कौन सा रंग किस राशि के अनुसार उपयोग करे कि हमारे जीवन पर इन ग्रहों का सार्थक प्रभाव पड़े.
ज्योतिषाचार्य पण्डित पवन त्रिपाठी ने होली में रंगों का महत्व आध्यात्मिक रूप से समझाते हुए बताया कि, होली का संगम रंगों से होता है और रंगों का असर ग्रहों पर होता है इस लिहाजे से रंग हमारे ग्रहों पर असर डालते हैं. सूर्य का रंग लाल, चन्द्रमा का रंग सफ़ेद, बुद्ध का रंग हरा, बृहस्पति का रंग पीला, शुक्र का रंग श्वेत, शनि का काला रंग, राहु- केतु का भी काला रंग ही मानते हैं. इस प्रकार से हमारे ग्रह भी रंग बिरंगे हैं.
ग्रहों के असर से हमारे शरीर की इन्द्रियां काफी प्रभावित होती हैं. जो ग्रह आपके अनुकूल है, उन रंगों का प्रयोग अपने ऊपर करा सकते हैं, और जो ग्रह आपके अनुकूल नहीं प्रतिकूल है. उनको आप दान कीजिए. दूसरों को लगाइए, यही दो सिद्धांत दर्शाते हैं कि जो ग्रह कुण्डली में कमजोर हैं आप उन ग्रहों के रंगों को अपने ऊपर स्वयं लगाइए, और जो ग्रह गंदे है उन ग्रहों का दान कीजिए.
यदि आपका सूर्य कमजोर है तो लाल रंग से आपको होली खेलनी चाहिए. यदि मंगल ग्रह कमजोर है, तो लाल रंग का प्रयोग करना चाहिए. इन रंगों का चयन आप अपनी राशि से तय करेंगे. जैसे आपकी राशि मेष है तो आपका राशि स्वामी मंगल होगा. वृष राशि है तो इसका स्वामी शुक्र होगा तो आप श्वेत रंग की जगह मिश्रित रंगों का प्रयोग कर सकते हैं.
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राशि यदि मिथुन होगी तो स्वामी बुद्ध होगा. इसलिए हरा रंग प्रयोग में लाया जाएगा. कर्क राशि के लोग भी श्वेत रंग की जगह मिश्रित रंग का प्रयोग कर सकते हैं. सिंह राशि के लोग सूर्य स्वामी होने की वजह से लाल रंग का प्रयोग करेंगे. लोगों में रंग बांटकर या इसका दान करके अपने ग्रहों को ठीक किया जा सकता है. यदि सूर्य कमजोर है तो लाल रंग खूब प्रयोग करें. खुद पर यदि सूर्य ग्रह गंदा है कुंडली में तो लाल रंग दान करे.
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कन्या राशि का स्वामी बुध होता है और इसका रंग होता है हरा, तुला राशि का स्वामी शुक्र है तो श्वेत रंग, शनि, राहु- केतु इन ग्रहों से प्रभावित लोगों को काले रंग का दान करना चाहिए. लेकिन यदि शनि कुंडली में कमजोर है तो अधिक से अधिक काले रंग का खुद पर प्रयोग कीजिए. धनु और मीन राशि का स्वामी बृहस्पति होता है अतः इस रंग के लोगो को पीला रंग का प्रयोग करना चाहिए. जिनकी राशि वृश्चिक है उनको कुल मिलाकर रंगों को लेकर दो सिद्धांत है.
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जो ग्रह कमजोर हैं उनका खूब प्रयोग खुद पर करना है और जो ग्रह खराब स्थिति में है उनका दान करना है. यानी कि ग्रहों की स्थिति मजबूत करनी है तो इन्हें शामिल करना है औऱ ग्रहों को यदि कुंडली से बाहर निकालना है तो इनका दान करना है. ऐसे ही सावधानी और सतर्कता से ग्रहो और राशि के अनुसार हमे रंगों का प्रयोग करते हुए होली पर्व को मनाना चाहिए.
रिपोर्ट- विपिन सिंह